भोपाल। राजधानी में दहशत का दूसरा नाम, जिसने शहला मसूद हत्याकांड की सुपारी ली, जेल में सिक्यूरिटी गार्ड से डर गया। उसने कोर्ट में जेल बदलने की अर्जी दाखिल की है। कारण में उसने बताया है कि गार्ड उससे 20 हजार रुपए रिश्वत मांग रहे हैं नहीं देने पर जान से मार देंगे।
सेंट्रल जेल में बंद डेंजर ने अपनी जान का कथित खतरा बताकर कोर्ट में एक अर्जी देकर जेल से तबादले की मांग की है। इस पर कोर्ट ने जेल अधीक्षक से जवाब भी मांगा है। भोपाल के हिस्ट्रीशीटर बदमाश डेंजर की ओर से 13 मई को सीबीआई की विशेष अदालत में एक अर्जी देकर गंभीर आरोप लगाया गया कि उसे व शूटर ताबिश खान को पिछले तीन माह से 20 हजार रुपए देने के लिए मुख्य प्रहरी अनवर खान व रघुनाथ परेशान कर रहे हैं और नहीं देने पर जेल में ही मरवा देने की धमकी दी है। ऐसे में उसकी जान को खतरा है, लिहाजा उसका इस जेल से तबादला किया जाए।
इस पर न्यायाधीश अनुपम श्रीवास्तव ने सेंट्रल जेल अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी। 30 मई को जेल अधीक्षक ने कोर्ट में रिपोर्ट पेश कर बताया कि उन्होंने मुख्य प्रहरी व रघुनाथ से सफाई मांगी थी, जिसमें उन्होंने मुलजिम को परेशान करने के इल्जाम को साफ नकारा है। वास्तव में डेंजर व ताबिश को जेल में अलग कक्ष में रखा गया है, जबकि वे चाहते हैं कि उन्हें इस कक्ष से बाहर रखा जाए ताकि वे सभी वार्ड में घूम सकें, इसलिए तबादले कराने के लिए झूठी शिकायत की है। इसके बाद कोर्ट ने जेल अधीक्षक को आदेश पत्रावली की कॉपी भेजकर पूछा है कि मुलजिम के तबादले में कोई प्रशासनिक बाधा तो नहीं है। मुलजिम से भी दरख्वास्त लेने के आदेश दिए हैं कि क्या वह दूसरी जेल में तबादला कराने के लिए तैयार है।
दोनों के जवाब आने के बाद ही कोर्ट अगला कदम उठाएगी। भोपाल में हुए इस सनसनीखेज हत्याकांड में डेंजर 13 मार्च 2012 से यहां की सेंट्रल जेल में बंद है। मामले में इंटीरियर डिजाइनर जाहिदा परवेज मुख्य षड्यंत्रकारी है और जाहिदा उसकी सहेली सबा फारुकी के अलावा डेंजर, ताबिश खान, इरफान अली को सीबीआई ने मुलजिम बनाया है। पूर्व में भी मुलजिमों ने उनका केस भोपाल में चलाने व किसी भी जेल में भेजने की मांग की थी।