नरेन्द्र तोमर ने खोल डाला अजय सिंह के पूरे खानदान का काला चिट्ठा

भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की ओर से भाजपा पर अकेले हमला कर रहे नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रिश्तेदारों की संपत्तियों का हिसाब क्या मांगा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने अजय सिंह के पूरे खानदान का ही काला चिट्ठा खोल डाला।

आज यहां जारी एक प्रेस बयान में नरेन्द्र सिंह तोमर ने ना केवल अजय सिंह को उनके दादा के काले कारमानों की याद दिलाई बल्कि मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अर्जुन सिंह को भी नहीं बख्शा। हम श्री तोमर के बयान को अपने शब्दों में बदलकर भावर्थ समझाने के बजाए आपके सामने सीधे सीधे प्रस्तुत कर रहे हैं वो प्रेस रिलीज जो बीजेपी की मीडिया सेल द्वारा जारी किया। आप भी पढ़िए क्या कुछ लिखा है इसमें:-

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर ने नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के द्वारा मुख्यमंत्री और उनके परिजनों पर व्यक्तिगत आरोप लगाने की निंदा करते हुए कहा है कि यह कांग्रेसियों की उस हताशा का परिणाम है जिसमें वे प्रशासन और शासन से तुलना के हर मोर्चे पर भारतीय जनता पार्टी से परास्त हुए हैं।

चूँकि उनके पास वहाँ उपलब्धि के नाम पर एक बड़ा शून्य है तो वे मध्यप्रदेश की राजनीति को एकदम छिछले और हल्के स्तर पर ले आए हैं। उनकी यह कोशिश स्वयं उनके खुद के परिजनों के कुख्यात इतिहास से ऊपजी कुंठा का नतीजा है। जिनके परिजन भ्रष्टाचार में स्वयं जेल जा चुके हों और जिनके पिता को यह कहना पड़ा हो कि उन्हें पिता चुनने का अधिकार नहीं था, उनके द्वारा की जा रही इन ओछी हरकतों को प्रदेश की जनता देख रही है और उन्हें अच्छा सबक सिखाएगी।

उन्होनें कहा कि क्या नेता प्रतिपक्ष जानते हैं कि नई दिल्ली के संविधान भवन में नगीनदास मेहता से रिश्वत लेकर पन्ना की बंद पड़ी हीरा खदान को खोलने देने के लिए सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी को लेकर उनके दादा शिव बहादुर सिंह को हुई सजा से शुरूआत की जाए जब उन्हें कांग्रेस पार्टी से निकलना पड़ा था, और वे जेल में भी रहे और वहीं सदगति को प्राप्त हुए। क्या इसी पारिवारिक कुंठा या अनुभव के कारण वे बार-बार माइनिंग के मुद्दे उठाते रहते हैं?

नरेन्द्र सिंह तोमर ने नेता प्रतिपक्ष से पूछा है कि जिन्हें गद्दी सिस्टम के कारण अपने पिता को सम्पत्ति में से बहुत कम हिस्सा मिला था और जो 1982 तक ट्यूबवैल का लोन चुकाने तक में असमर्थ थे वे भोपाल में केरवा पैलेस सहित बहुत सी प्रापर्टी, बैंगलोर की रबर पाउच फैक्ट्री, हिमाचल प्रदेश में सोलन के सेब के बगीचों और प्रख्यात कंपनियों के शेयर होल्डर होकर इतनी अकूत सम्पदा के मालिक कैसे हो गए?

जिनके स्वर्गीय पिता एक समय इतने गरीब थे कि अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ते वक्त जिनके पास सिक्योरिटी तक के लिए पैसे नहीं थे और जिन्हें इसके लिए महाराजा मार्तंड सिंह से पैसे लेने पड़े थे, उनके इस तथाकथित राजनीतिक वारिस के पास करोड़ों की यह सम्पदा कैसे आई?

क्या वे समझते हैं कि चुरहट लाटरी कांड के सितारे को मध्यप्रदेश की जनता भूल गई है? और क्या वे यह भी बताऐंगे कि उनके पिता के काल में दी गई डीम्ड यूनिवर्सिटियों की मान्यता को निरस्त कर उनकी सीबीआई जाँच क्यों स्थगित की गई थी?

नरेन्द्रसिंह तोमर ने कहा कि हालांकि विपक्ष के नेता को इस बात का व्यक्तिगत अनुभव है, लेकिन उन्हें यह याद करना जरूरी है कि चुनाव चुरहट लाटरी नहीं है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की लोकप्रियता से ऊपजी अजयसिंह जी की कुंठा अब दयनीय हो चली है। उन्हें लगता है कि जिस तरह से उनके पिता एक आदिवासी का हक मारकर मुख्यमंत्री बन गए थे, अब वे भी यही करिश्मा कर दिखायेंगे। नरेन्द्रसिंह तोमर ने कहा कि ‘सूत न कपास’ जुलाहों में लट्ठम-लट्ठा का खेल कांग्रेस में जमकर चल रहा है।

सनद रहे कि श्री नरेन्द्र सिंह तोमर का यह हमला उस समय हुआ जब अजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रिश्तेदारों की संपत्ति का ब्यौरा मांगा। अजय सिंह के उस बयान को पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक करें

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