भोपाल। लौहपुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की गुजरात के सरदार सरोवर बांध की धारा के मध्य स्टेच्यू आफ यूनिटी के नाम से सबसे बड़ी प्रतिमा लगाये जाने का विरोध शुरू हो गया है. अपना दल ने इसका कड़ा एतराज जताते हुए कहा है कि लोकसभा चुनाव नजदीक देख भाजपा ने जो कुचक्र रचा है अपना दल उसका विरोध करेगा.
अपना दल का मानना है कि सरदार पटेल की प्रतिमा लगाये जाने की घोषणा नरेन्द्र मोदी ने 2010 में की थी और अब तीन साल बाद जब चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो चुनावी लाभ पाने के लिए ड्रामेबाजी कर रहे हैं. देवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि जब भाजपा केन्द्र की सत्ता में रही लेकिन तब उसने देश की राजधानी दिल्ली तक में उनको दो गज जमीन नहीं दी लेकिन अब उन्हें सरदार पटेल की चिंता होने लगी है.
भाजपा सरदार पटेल को साम्प्रदायिक ढांचे में ढालना चाहती है. जबकि 1948 में सरदार वल्लभभाई पटेल जब गृह मंत्री थे तो उन्होंने आरएसएस को बैन कर दिया था. उन्होंने कहा कि जब गोधरा कांड हुआ तो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की साम्प्रदायिक छवि जनता के सामने आई. जिसमें हजारों बेकसूर लोग मारे गये. तब भाजपा के शीर्ष नेता अटल विहारी वाजपेयी ने सरकार पर टिप्पणी की थी कि राज्य सरकार ने राजधर्म का पालन नहीं किया. अगर राजधर्म का पालन किया गया होता तो देश में इतना बड़ा दंगा नहीं होता, हिन्दू - मुस्लिम भाईचारे को साम्प्रदायिकता की आग में झोंकने से रोका जा सकता था.
श्री सिंह ने कहा कि मोदी सरदार पटेल का इतिहास पढ़ें. देवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि अपना दल साम्प्रदायिकता का जहर घोलने वालों को बेनकाब करेगा और भाजपा के इस प्रयास को सफल नहीं होने देगा. इसके खिलाफ जगह जगह धरना प्रदर्शन कर भाजपा के इस कदम की आलोचना की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल को नरेन्द्र मोदी जैसे साम्प्रदायिक व्यक्ति के सहारे की जरूरत नहीं है. श्री सिंह ने राज्य सरकार की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करते हुए कि जिस तरह से पूरे प्रदेश में पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की हत्याएं हो रही हैं वह बेहद चिन्ता की बात है. उन्होंने प्रदेश की कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने की मांग की.