भोपाल/पचमढ़ी। दुनिया में सिर्फ दो मिल्रिटी म्यूजिक स्कूल हैं। पहला लंदन में, दूसरा मध्यप्रदेश के पचमढ़ी में। स्थापना के 63 साल बाद मिलिट्री म्यूजिक विंग से शनिवार को पहला ई-बैच निकला है। भारत के अलावा 14 देशों के सौ स्टूडेंट।
इस बैच का पूरा सिलेबस एक सॉफ्टवेयर के रूप में था। जिसमें थीं ई-बुक्स, ई-लर्निग उपकरण। सिलेबस में बैंड के हर इंस्ट्रूमेंट के सभी नोटेशन डिजिटाइज किए गए थे। इससे छात्रों से रियाज करते समय गलती होने पर सॉफ्टवेयर ही अलर्ट करता। ट्रेनर के बताए बिना भी स्टूडेंट समझ जाते कि उनसे कहां गलती हुई है।
विंग प्रमुख और डॉयरेक्टर ऑफ म्यूजिक कैप्टन विमल जोशी यहां एशिया का पहला मिलिट्री म्यूजिक रिकॉर्डिग स्टूडियो भी तैयार कर रहे हैं। यानी अब दुनिया हमारे मिल्रिटी बैंड के संगीत को हाई-क्वालिटी में सुन सकेगी। पचमढ़ी में म्यूजिक सीख रहे ऑफिसर-सोल्जर को फायरिंग की ट्रेनिंग भी दी जाती है। सूबेदार मेजर के.बी. गुरुंग यहां प्रमुख इंस्ट्रक्टर हैं।