बेरोजगारों का दर्द समझने वाले संवेदनशील अफसर थे टी.धर्माराव

भोपाल। आईएएस अफसर टी.धर्माराव की ख्वाहिश थी कि प्रदेश के हर जिले में उद्योग स्थापित हो और जो भी उद्योग स्थापित हों, उनमें जिले के पढ़े लिखे बेरोजगारों को रोजगार के अवसर मिल सकें। वे मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के जरिए ज्यादा से ज्यादा युवाओं तक लाभ पहुंचाने के लिए प्रयासरत रहे। हाल ही में इंदौर में इंवेस्टर मीट में जिन कंपनियों के साथ एमओयू साइन किए थे। वे हमेशा उन कंपनियों के सीईओ से संपर्क में रहे ताकि मध्यप्रदेश की मैनपॉवर को सही प्लेसमेंट मिल सके।

उनके आने के बाद उद्योगों में आया था बूम

8 जनवरी 2013 को उद्योग विभाग में बतौर आयुक्त पदस्थ होने के बाद प्रदेश में उद्योग विभाग में एक बूम आ गया था। उनके रहते हुए ग्वालियर, इंदौर व जबलपुर में उद्योग विभाग ने प्रदेश में उद्योगों में निवेश के लिए निवेशकों को बुलाने के लिए कई कार्यक्रम किए। इसी का नतीजा है कि इंदौर में एक बडे स्तर पर कंपनियों ने एमओयू साइन किए थे।

फ्रेंडली माहौल था पसंद

आयुक्त रहते हुए टी. धर्माराव ने अफसरों और कर्मचारियों को फैंडली माहौल उपलब्ध कराने में अहम रोल निभाया था। धर्माराव चाहते थे कि आॅफिस में फैंडली माहौल हो, ताकि सभी खुशी-खुशी काम को अंजाम दे सके। वे हर कर्मचारी की समस्याओं का तुरंत निदान करते थे। धर्माराव शुरू से ही काम के प्रति गंभीर रहते थे। उद्योग विभाग के आॅफिस में रहते हुए रोजाना का काम अगले दिन पेंडिंग न हो इसलिए देर रात तक आॅफिस में रुककर शेष काम निपटाते थे। अपने सार्थियों को काम के प्रति प्रोत्साहित करना उनके व्यवहार में शामिल था। यही कारण है कि जिस दिन हादसे में उनके निधन की खबर उद्योग विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों व परिचितों की उनके घर पर भीड़-सी लग गई।लेह जाने से पहले वह उद्योग विभाग की अपर संचालक शोभा बिरोल से कहकर गए थे कि वह छुट्टी समाप्त होने के बाद लौटकर जरूरी कामों को निपटाएंगे। उनकी अनुपस्थित में वे उनका काम देखें। साथ ही अपने पीए आरके लिखितकर से कहकर गए थे कि यदि कोई जरूरी काम हो तो फोन पर बात देना। शेष काम आकर देखूंगा।

सहज अफसर थे

टी.धर्माराव के करीबियों का कहना है कि सीनियर अफसर होने के बाद भी उन्हें पद का गुमान नहीं था। दतर में कर्मचारी भी उनसे खुलकर बात करते थे। अभी इंडस्ट्री डिपार्टमेंट में आए उन्हें ज्यादा वक्त नहीं हुआ था, लेकिन उन्होंने दतर का पूरा माहौल बदल दिया था। कर्मचारियों का पूरा ध्यान रखते थे। बीते दिनों जिला प्रशासन द्वारा कलियासोत डेम के पास आयोजित एडवेंचर स्पोर्ट्स में भी वे पत्नी विद्या राव व बेटे तन्मय व प्रतीक के साथ पहुंचे थे। आंध्रप्रदेश के मूल निवासी टी. धर्माराव दो दशक से अधिक समय से भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के रूप में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।


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