खंडवा [शेख शकील]। खंडवा सांसद अरुण यादव के पिता और मध्य प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुभाष यादव का बीमारी के चलते आज दिल्ली के हॉस्पिटल में निधन हो गया ! कांग्रेस नेता सुभाष यादव ने दिनांक 26 जून 2013 को प्रातः 9.45 पर दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अपनी अंतिम श्वास ली । लंबी बिमारी के बाद उनका निधन ह्दयगति रूकने से हुआ ।
कांग्रेस के दिग्गज नेता श्री सुभाष यादव जी का जन्म 1 अप्रैल 1946 में ग्राम बोरावां में हुआ । 67 साल के उनके जीवनकाल में उन्होने कई मुकाम हासिल किये । कृषि मे स्नातक कांग्रेस के इस दिग्गज का सफर संधर्षरत् रहा । किसानों के हितो के लिए उन्होने लंबी लडाई लडी, जिससे वे समूचे मध्य प्रदेश मे किसान नेता के रूप में पहचाने गये । उन्होने सत्ता में रहते हुए अपनेआप को एक कार्यकर्ता के रूप मे स्थापित किया । यही वजह थी कि आम आदमी उनसे सहजता से जुडता चला गया ।
श्री यादव जी ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरूआत सन् 1971 में प्राथमिक सहकारी समिति मर्यादित बोरावां के सदस्य के रूप में की। वे सन् 1974 में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित खरगोन के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए। ये सफर बढता गया और वे म.प्र. के सहकारिता क्षेत्र के सिरमोर बन गये।
सन् 1980 में म.प्र. राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष चुने गये । 31 मार्च 1981 में भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संध नई दिल्ली के उपाध्यक्ष बनाये गये।
सन् 1983 से 1989 तक नेशनल फाउंडेशन ऑफ स्टेट कोऑपरेटिव बैंक्स मुंबई के सर्व सम्मति से अध्यक्ष निर्वाचित हुए। इसी तरह राष्ट्रीय कृषि एवं विपणन सहकारी महासंघ (नेफेड), नई दिल्ली के उपाध्यक्ष/संचालक, ऑल इण्डिया कोऑपरेटिव स्पीनिंग मिल के संचालक, जवाहरलाल कोऑपरेटिव ग्रृप हाउसिंग सोसायटी नई दिल्ली के संस्थापक सदस्य रहे। कृभको द्वारा उन्हे सहकारिता श्री का सम्मान भी दिया गया।
श्री यादव ने सहकारिता का अंतराष्ट्रीय अध्ययन भी किया जिसके लिए वे कई बार विदेश यात्रा पर भी गये। वे निरंतर 20 साल तक अपेक्स बैंक म0प्र0 के चेयरमेन पद पर रहे।
सहकारिता क्षेत्र के साथ वे सन् 1971-72 में पहली बार ग्राम पंचायत बोरावां से सरपंच चुने गये।
सन् 1971 से 77 तक जनपद पंचायत कसरावद जिला खरगोन के अध्यक्ष पद पर विराजित रहे।
वर्ष 1977 में उन्होने कांग्रेस पार्टी से पहला लोकसभा चुनाव लडा जिसमें उन्हे पराजय झेलनी पडी। कांग्रेस पार्टी ने उन्हे सन् 1980 मे दोबारा लोकसभा खरगोन से अपना उम्मीद्वार घोषित किया, जिसमें उन्होने बडी जीत हासिल की । वे दो बार 1980 एवं 1985 में लोकसभा चुनाव जीतकर दिल्ली पहुचे। म.प्र. की दसवी विधानसभा में कसरावद से पहली बार विधायक बने।
सन् 1998 में दुसरी बार व 2003 में तीसरी बार विधानसभा में परचम लहराया । वर्ष 1993 में वे म0प्र0 के उपमुख्यमंत्री बनाये गये । कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए उन्हे वर्ष 2003 में म.प्र. कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया।
उन्होने जमीनी स्तर पर काम कर कांग्रेस को मजबूती दी । विभिन्न पदो पर रहते हुए निमाड के किसान नेता के रूप मे पहचान रखने वाले श्री सुभाष यादव ने निमाड की पथरिली जमीन पर विकास के कई पौधे लगाये, जो आज वृक्ष बनकर आम आदमी का सहारा बने हुए है । आज उन्ही की देन है जो निमाड में किसानों के खेतों तक पानी पहुँच रहा है । इंदिरा सागर बांध परियोजना की नीव सुभाष यादव की पहल से रखी गई।
जिसका भूमि पूजन पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी जी द्वारा किया गया। गांधी परिवार के करीब रहे श्री सुभाष यादव जी से स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी जी काफी स्नेह रखती थी। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री राजीव गांधी जी भी सहकारिता के दिग्गज की कर्मठता से वाकिफ थे। म.प्र. में वृहद सहकारिता रेली का आयोजन किया जिसमें श्रीमती सोनिया गांधी खुद शामिल हुई।