भोपाल। बीसीए छठे सेमेस्टर के एक विषय में फेल छात्रा झिलारिया ने का कहना है कि मेरा राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली परीक्षा निमसेट में सफलता प्राप्त हुई है, लेकिन बीयू द्वारा उनके साथ अन्य करीब दो दर्जन से ज्यादा विद्यार्थियों को एक ही विषय में फेल कर दिया गया है।
विद्यार्थियों ने बताया कि इसकी शिकायत करने पर भी विवि प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने बताया कि उन्हें 1 मई को आयोजित सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग विषय में फेल किया गया। इसके परिणाम 10 जून को घोषित किए थे। इसके बाद उन्होंने बीयू में 12 जून को शिकायत की थी। परीक्षा फल बिगड़ने के कारण अन्य कोर्सों में दाखिला नहीं होने का डर सता रहा है। बीसीए के छात्र एमसीए कोर्स में प्रवेश लेते हैं।
वहीं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा एमसीए और एमबीए की कांउसलिंग शुरू कर दी गई है। छात्रा रचना ने बताया कि मुझे राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा निमसेट में 2025 रैंक मिली है। इस रैंक में उन्हें भोपाल के ही मैनिट कॉलेज के एमसीए कोर्स में आराम से प्रवेश मिल जाएगा। छात्रा निमसेट की काउंसलिंग में भी शामिल नहीं हो पा रही है। वहीं रचना को प्रदेश स्तर की परीक्षा एमपीएमसीए परीक्षा में 25वीं रैंक प्राप्त है। बीयू में परीक्षा मुल्यांकन के खिलाफ लगातार शिकायतें दर्ज होती हैं, लेकिन यहां से विद्यार्थियों के किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिल पाती है। इससे छात्रों का साल तो वर्बाद होता है। वहीं अन्य कोर्सों के लिए अच्छे शिक्षा संस्थानों में प्रवेश से वंचित रह जाते हैं।
इधर, सेमेस्टर सिस्टम होने के कारण विद्यार्थी कॉपी की रिचेकिंग नहीं करा पाते हैं। अधिकारी उन्हें रिटोटलिंग कराने की सलाह देते हैं। रिटोटलिंग में अधिकांश विद्यार्थियों के परिणाम में कोई अंतर नहीं आता है। विद्यार्थी अब तो बीयू द्वारा कराई जाने वाले मूल्यांकन पर गंभीर आरोप भी लगाने पर आमादा हैं। विद्यार्थी कहते हैं हमारे भविष्य से साफ तौर पर खिलवाड़ किया जा रहा है। विद्यार्थियों ने बताया कि परीक्षा परिणाम बिगड़ने की शिकायत पर जब बीयू द्वारा कुछ नहीं हो सका तो उन्होंने एनआरआई कॉलेज में गुहार लगाई। उन्हें उम्मीद थी की कॉलेज प्रबंधन उनकी कुछ मदद करेगा, लेकिन कॉलेज प्रबंधन भी हाथ खड़े कर दिए। विद्यार्थियों ने बताया कि हमने एनआरआई कॉलेज प्रबंधन से हमारी एप्लीकेशन को अपने स्तर पर भेजने के लिए कहा तो कॉलेज प्रबंधन ने कहा कि हम कुछ नहीं कर सकते।