शिवराज के मैनेजर्स तलाश रहे हैं मानसून सत्र की बाढ से बचने के युक्तियां

भोपाल। मानसून सत्र को लेकर विपक्ष के हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। सरकार को खुफिया सूत्रों से पता चला है कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव का यदि भाजपा विरोध करती है और इसके चलते सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होता है तो कांग्रेस विधायक विधानसभा परिसर में ही खुला सत्र चला सकते हैं।

इस खुफिया सूचना के बाद सरकार मानसून सत्र को लेकर गंभीर हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विश्वस्त ऐसी स्थिति से निपटने की युक्ति ढूंढने में जुट गए हैं। खुफिया सूत्रों ने शासन को बताया है कि यदि खुला सत्र चलता है तो इससे सरकार की छवि पर असर पड़ सकता है। गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस तरह की खुफिया सूचना की पुष्टि की है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री चौहान ने 11 से 14 मई 2010 (चार दिन) तक स्वर्णिम मध्यप्रदेश के संबंध में चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाया था। तब कांग्रेस ने इकबाल मैदान में समानांतर सत्र चलाया था। शासन को मिली खुफिया जानकारी में पता चला है कि चूंकि यह चुनावी साल है तो कांग्रेस एक बार फिर 2010 दोहरा सकती है। इसकी जानकारी कांग्रेस के चुनिंदा नेताओं को है। कांग्रेस इस बार सत्तापक्ष पर तीखे हमलों की तैयारी कर रहा है। खास तौर से मुख्यमंत्री व उनका परिवार विपक्ष के निशाने पर हैं।


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