भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के राजधानी स्थित प्रदेश कार्यालय में मदद मांगने आए बेरोजगारों को नेताओं ने धक्के देकर निकाल दिया एवं पुलिस फोर्स बुलाकर तैनात कर दिया कि कहीं वो वापस अंदर ना चले जाएं। शिकार हुए बेरोजगार संविदा शिक्षक परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थीं हैं, जिन्हें बाद में 45 प्रतिशत के नाम पर ज्वाइन नहीं कराया गया।
आज भोपाल में प्रदेश कार्यकार्यकारिणी सहित तमाम पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई थी। सूचना मिली थी कि इस बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी आने वाले हैं। सीएम से मदद मांगने के लिए बेचारे बेरोजागर भाजपा कार्यालय जा पहुंचे। वो आफिस के अंदर जाकर मौजूद भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों को अपनी समस्या समझाना चाहते थे, प्रारंभ में तो नेताओं ने बड़ी गंभीरता से उनकी बात सुनना शुरू किया, लेकिन जैसे ही पता चला कि मामला 'संविदा शिक्षक भर्ती' से जुड़ा हुआ है नेतालोग बिखर गए और पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके अभ्यर्थियों को धक्के देकर आफिस से बाहर निकलवा दिया। इतना ही नहीं नेताओं ने पुलिस बल बुलाया एवं ताकीद की कि व्यवस्था सुनिश्चित करें कि ये लोग वापस ना अंदर ना आने पाएं। बीजेपी आफिस पहुंचने वालों की संख्या करीब 2 दर्जन थी।
सनद रहे कि ये वो योग्य अभ्यर्थीं हैं जिन्होंने संविदा शिक्षक भर्ती के आयोजित पात्रता परीक्षा पास कर ली है एवं सभी अहर्ताएं पूरी करते हैं, परंतु 45 प्रतिशत के झमेले में फंस गए हैं। बीएड/डीएड एवं पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर लेने के बाद कहा जा रहा है कि ग्रेजुएशन में भी 50 प्रतिशत अंक चाहिए, जबकि अभ्यर्थियों का कहना है कि जब अगली सभी परीक्षाएं पास कर लीं हैं तो पिछले परीक्षा परिणामों के नाम पर अंत समय में यह रोकटोक क्यों...?
जिक्र-ए-खास यह भी है कि केन्द्र सरकार ने इस मामले में राज्य सरकारों को फ्रीहेंड दे दिया है कि वो चाहे जो भी निर्णय लें लेकिन जल्द से जल्द संविदा शिक्षकों की भर्ती पूरी करें, बावजूद इसके किसी ना किसी कारण से भर्तियों को रोका जा रहा है, पदों की पूर्ती नहीं की जा रही है।
इस घटना से पहले तक लोग संदेह जता रहे थे कि इस मामले में अफसरशाही अपनी आदत के अनुसार अतिरिक्त आय के रास्ते तलाश रही है, बाद में अनुमान लगाया गया कि शायद मंत्री महोदय भी इस अपवित्र इनकम के खेल में शामिल हैं, परंतु आज भाजपा आफिस में इनको धक्के देकर निकालने के बाद समझ नहीं आ पा रहा है कि पूरी की पूरी भाजपा....?