भोपाल। अंकल आडवाणी ने जिन्हे मोदी के मुकाबले बेहतर बताया था, उन्हीं शिवराज सिंह चौहान ने मोदी के नाम पर सहमति जता दी है। इतना ही नहीं सुषमा स्वराज ने भी गोवा का रुख कर लिया है और उमा भारती ने कहा है कि 'मुझे गोवा का हर निर्णय मंजूर'।
इसे कहते हैं राजनीति की रपटीली राहें, मध्यप्रदेश के जिन नेताओं के दम पर आडवाणी ने अपनी राजनीति की आखरी बाजी लगाई थी उन्हीं नेताओं ने आडवाणी का साथ छोड़ दिया है। इधर आडवाणी कोप भवन में हैं तो उधर पहले दिन आडवाणी का साथ देने वाली विदिशा सांसद सुषमा स्वराज को जब लगा कि भाजपा झुकने के मूड में नहीं हैं तो वो भी नरम पड़ गईं और गोवा का रुख कर लिया।
गोवा में पहले से मौजूद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने माहौल देखकर विचार बदल लिए। खुद को मोदी से बेहतर बताने के लिए विज्ञापनों पर करोड़ों फूंक देने वाले शिवराज सिंह चौहान ने मोदी के नाम पर सहमति दर्ज करा दी है।
मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने पहले तो आडवाणी के समर्थन में अपनी गोवा यात्रा रद्द की लेकिन जब माहौल मोदी के पक्ष में जाता दिखा तो बयान जारी कर दिया कि गोवा में जो भी फैसला होगा मुझे मंजूर होगा।
कुल मिलाकर करीब आधा दर्जन समर्थकों के साथ विरोध के लिए उतरे आडवाणी के खाते से अब तीन नेताओं के नाम कम हो गए हैं। आडवाणी जिस मध्यप्रदेश की भोपाल सीट से चुनाव लड़कर भारत का प्रधानमंत्री बनना चाहते थे अब उसी मध्यप्रदेश के दिग्गज उनके साथ नहीं हैं।