भोपाल। बैतूल में हुए आदिवासी दुल्हनों के कौमार्य परीक्षण पर भले ही बवाल मच रहा हो, आदिवासी नेता और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया चाहे कितना भी चीख लें, लेकिन एक रिपोर्ट ने इस प्रक्रिया के समर्थन में कम से कम जनमानस को तो ला खड़ा कर दिया है। टेस्ट के दौरान 9 दुल्हनें गर्भवती थीं और अपने ही पति से दोबारा शादी करने जा रहीं थी।
दरअसल मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत शासन एवं जनभागीदारी की ओर से दहेज दिया जाता है, बस इसी दहेज के लालच में कई ब्याहता जोड़े दोबारा शादी कर लेते हैं। ऐसे खुलासे लगातार हो रहे हैं और इससे बचने के लिए ही प्रशासन ने यह प्रक्रिया अपनाई जिसमें 9 दुल्हनें गर्भवती पाई गईं और अंदर उनका अपना पति दूल्हे के लिबास में था।
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के चिंचोली विकासखणड में आयोजित मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह सामारोह में शामिल होने आई कुछ लड़कियां जांच के बाद गर्भवती पायी गयी जिसके बाद उन्हें वापस भेज दिया गया। इस समारोह में हिस्सा लेने आई आदिवासी युवतियों के गर्भवती होने की जांच की गयी जिसमें नौ लड़कियां गर्भवती पायी गयीं। इस जांच के बाद आयोजको ने गर्भवती पायी गयी नौ लड़कियों का दुल्हन का लिबास निकलवा कर घर भेज दिया।
इस मामले में कांग्रेस के तमाम नेताओं सहित भाजपा के आदिवासी नेताओं ने भी विरोध जताया है। बैतूल कलेक्टर आर.पी.मिश्रा ने बताया कि प्रेगनेन्सी टेस्ट कराना कानूनन अपराध है और यदि इस तरह का टेस्ट चिचोली के हरदू गांव में हुआ है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
परंतु आम जनमानस में इस टेस्ट का समर्थन किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि ऐसे फर्जी दूल्हा दुल्हनों को पकड़ना बहुत जरूरी है।