राजेश शुक्ला/अनूपपुर। गुरूवार की सुबह जिला अस्पताल में प्रसव के लिए सिमरवार जैतहरी से आई बसनिया बाई पति मोहन चौधरी का प्रसव के दौरान महिला डॉक्टर को रिश्वत नहीं देने के कारण अपने बच्चे के जान से हाथ धोना पड़ा। यहां तक महिला डॉक्टर के डर से ड्यूटी पर तैनात नर्सों ने प्रसव पीडि़त महिला का उपचार करने से इंकार कर दिया।
जिसके कारण सुबह तीन बजे बच्चे के मौत के बाद पीडि़त महिला को देखने व उसके उपचार के लिए महिला डॉक्टर अलका तिवारी ने जहमत नहीं उठाई। परिणामस्वरूप गुरूवार की शाम पांच बजे तक महिला बिना दवाई-दारू की बेसुध जिला अस्पताल के बेड पर पड़ी रही। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर महिला अलका तिवारी ने प्रसव कराने के लिए दो हजार रुपए की मांग की थी। जिसे पूरा नहीं करने पर प्रसव नहीं कराने की धमकी दी।
महिला के पति मोहन चौधरी का कहना है कि इस दौरान बुधवार की शाम डॉ. अलका तिवारी ने महिला को सोनीग्राफी की रिपोर्ट लेकर उसके मकान पर बुलाया था। जहां उसे फिर से पैसे देने की मांग की लेकिन महिला के द्वारा गरीबी की वास्ता देने व इतने पैसे की अनुपलब्धता की बात बताई। फिर भी महिला डॉक्टर का दिल नहीं पहसीजा और प्रसव न कराने की बात कही।
सोनोग्राफी अनिवार्य
इन डॉ. सहिबा के पास जो भी मरीज आता है उसे सबसे पहले सोनोग्राफी के लिये कहा जाता है इसका कारण इनके पति शहडोल मे सोनोग्राफी की दुकान चलाते हैं। और डॉ. सहिबा यहां से मरीजों को भेजकर उनके दुकान के ग्राहकों में बढ़ोत्तरी कराती हैं और यही हुआ इस पीडि़त महिला के साथ जो कि बुधवार की सुबह दस बजे जिला अस्पताल में भर्ती हुई थी जहां स्त्री रोग विशेषज्ञ अलका तिवारी ने सोनोग्राफी कराने की बात कही। जिसपर परिजनों ने कहा कि अंतिम समय में सोनोग्राफी सम्भव नहीं है। साथ ही शहडोल जाने की असमर्थता जताई। लेकिन डॉक्टर के डर के कारण परिजन बस से प्रसव से पीडि़त महिला को शहडोल ले गए तथा सोनीग्राफी कराकर देर शाम लौटे।
नर्स ने भी किया देखने से इंकार
गुरूवार की सुबह तीन बजे महिला को दर्द हुआ तथा बच्चे ने जन्म लेना चाहा, इस दौरान परिजनों ने इसकी जानकारी नर्स को दी। लेकिन नर्स ने बिना डॉक्टर के आदेश के उपचार करने से इंकार कर दिया। जिससे बच्चा आधा माता के पेट व आधा बाहर निकल कर दम तोड़ दिया। इस दौरान पीडि़त माता दो घंटे तक मृत बच्चे और दर्द से तड़पती रही। लेकिन उसकी चीख सुनने के लिए कोई नहीं आया।
जननियों ने भी लगाया आरोप
वार्ड में भर्ती संतोषी पति प्रीतम सिंह गोंड ने भी महिला डॉक्टर व नर्स के खिलाफ पैसे की मांग की। संतोषी का कहना था कि नर्स ने 500 रुपए देने के बाद ही दवाईयां देने की बात कही थी। हार कर 100 रुपए देना पड़ा।
पूर्व में भी डॉक्टर पर लगे आरोप
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों लाईफ लाईन एक्सप्रेस में उपचार के लिए गई वार्ड क्रमांक 01 के पार्षद इन्द्रवती राठौर के साथ बदतमीजी का मामला ने तूल पकड़ा था। जिसकी शिकायत सीएमएचओ से की गई थी। वहीं पिछले साल आर्बशन (गर्भपात)केस के मामले में तत्कालीन कलेक्टर कवीन्द्र तियावत ने निलंबित किया था। तथा बाद में इनका स्थानांतरण डिंडौरी कर दिया गया था लेकिन उच्च न्यायालय ने स्थानांतरण को रद्द कर दिया।
इस संबंध में जब डॉ. अलका तिवारी से उनके मो. क्रं. ९७५५२८८०८० में संपर्क करना चाहा तो उन्होंने अपने मोबाईल को उठाना मुनासिब नहीं समझा, जिससे उनका मत नहीं मिल सका।
इनका कहना है
केस रिपोर्ट देखा गया है महिला के उपचार में लारवाही बरती गई है। महिला डॉक्टर के खिलाफ कारण बताओं नोटिस जारी कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. आरपी श्रीवास्तव
मुख्य चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य अधिकारी अनूपपुर