भोपाल। ग्वालियर में हुई भाजपा की कार्यसमिति में भाजपा के दबंग नेता प्रभात झा भी मुरझाए मुरझाए से घूमते रहे। उनके चेहरे पर कोई रौनक नहीं थी और उन्होंने मुख से कोई भी ऐसा शब्द नहीं निकलने दिया जो सामान्यत: प्रभात झा की पहचान हुआ करता है।
शिवराज सिंह चौहान के छापामार हमले में बुरी तरह घायल होने के बाद वाइल्ड कार्ड एंट्री लेकर मध्यप्रदेश की राजनीति में वापस आए प्रभात झा का जलवा भी पिछले दिनों कई बार देखने को मिला। राष्ट्रीय कार्यसमिति में महत्व मिलने के बाद भोपाल से लेकर ग्वालियर तक उनके स्वागत में फूलों की बारिश की गई।
माना जा रहा था कि राजनाथ सिंह ने प्रभात झा को अपनी टीम में शामिल करके शिवराज सिंह चौहान पर हेवी प्रेशर क्रिएट कर दिया है, परंतु यह प्रेशर बहुत ज्यादा समय तक बना नहीं रह पाया। ग्वालियर की कार्यसमिति एक बार फिर शिवराजमय हो गई और शिवराज विरोधियों के माथे पर एक बार फिर एसी में भी पसीने दिखाई दिए।
राजनीति में शुचिता के पैरोकार, भाजपा के योग्य एवं विद्वान नेता प्रभात झा को कार्यसमिति में किसी भी प्रकार का कोई महत्वपूर्ण अवसर नहीं दिया गया। ऐसा लगा जैसे आमंत्रित करके भी उन पर एहसान ही किया गया है। अब झा समर्थकों के बीच इसका क्या संदेश जाएगा और डेमेज कंट्रोल के लिए झा क्या करेंगे यह तो समय ही बताएगा परंतु फिलहाल तो शिवराज ने झा की हालत पतली कर दी।