नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बाढ़ से तबाह उत्तराखंड की मदद के लिए बुधवार को एक नया रास्ता खोल दिया। सरकार ने सांसदों को अपने स्थानीय क्षेत्र विकास निधि (एमपीएलएडी) से 50-50 लाख रुपये तक की राशि उत्तराखंड के राहत कार्य के लिए देने की संस्तुति करने की इजाजत दी है।
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने सभी सांसदों से उत्तराखंड के राहत और पुनर्वास कार्य के लिए अपना एक माह का वेतन और एमपीएलएडी से राशि देने की अपील की है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि संसद सदस्य उत्तराखंड के बाढ़ग्रस्त, भूस्खलन या बादल फटने से प्रभावित क्षेत्रों में कार्य के लिए अधिकतम 50-50 लाख रुपये तक की संस्तुति कर सकते हैं। अभी लोकसभा में 539 और राज्यसभा में 243 सदस्य हैं। इस तरह उत्तराखंड के प्रभावित इलाकों में कार्य के लिए सभी सांसद सामूहिक रूप से 361 करोड़ रुपये के कार्य की संस्तुति कर सकते हैं।
विभागीय मंत्री श्रीकांत जेना ने इस बारे में इस संदर्भ में सभी सांसदों को पत्र भी लिखा है। उल्लेखनीय है कि हर सांसद को अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए विकास निधि से अपनी पसंद के अनुसार प्रति वर्ष पांच करोड़ रुपये तक के काम कराने की जिलाधिकारी को सुझाव देने का अधिकार है। राज्यसभा के सांसद को तो अपने राज्य के एक या उससे अधिक जिलों में काम कराने की संस्तुति करने का अधिकार है। राज्यसभा के मनोनीत सदस्य तो देश के किसी भी राज्य में अपनी इच्छा के अनुसार एक या इससे अधिक जिले में काम की संस्तुति कर सकते हैं।
किसने कितनी मदद दी:-
- -त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार और संत कृपालु महाराज ने एक-एक करोड़ दिए।
- -गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी मंत्रियों ने दिया एक महीने का वेतन।
- -केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने भी अपने कैबिनेट के साथ एक महीने का वेतन दिया।
- -मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव ने अपनी एक महीने की तनख्वाह आपदा प्रभावितों के नाम की। इसके अलावा राज्य सरकार के कर्मचारियों ने 64 करोड़ की राशि इकट्ठा की।
- -मोबाइल सेवा कंपनी वोडाफोन ने करीब 80 लाख रुपये राहत कोष में जमा कराए।
- -आपदा में राजस्थान के जो लोग मारे गए, उनके परिजनों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पांच-पांच लाख का मुआवजा देंगे। इसके अलावा उन्होंने घायलों का सरकारी खर्च पर इलाज कराने की घोषणा की।
- -उत्तराखंड पीड़ितों को दस करोड़ देने के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने हिमाचल प्रदेश में भी भूस्खलन के शिकार लोगों की मदद के लिए पांच करोड़ देने का एलान किया।