भोपाल। अंतत: मध्यप्रदेश के अफसरों को भी शर्म आना शुरू हो गई है। तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की घोषणाओं के बाद आईएएस एसोसिएशन ने भी प्रति अफसर 5 हजार रुपए दान करने की घोषणा की है।
सनद रहे कि मध्यप्रदेश के सरकारी अमले में उत्तराखंड पीड़ितों की मदद के लिए सबसे पहले हाथ उन संविदा शिक्षक एवं अध्यापकों ने बढ़ाए जो समान वेतन की मांग को लेकर महीनों से आंदोलित हैं। इसके बाद दूसरा हाथ था मध्यप्रदेश की ग्राम पंचायतों में कार्यरत सचिवों का।
जमीनी कर्मचारियों से शुरू हुआ सहायता अभियान धीरे धीरे चारों ओर फैल गया परंतु रविवार तक मध्यप्रदेश के प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अवसरों की ओर से कोई मदद की बात तक नहीं की गई। जब पूरे प्रदेश में आईएएस, आईपीएस लॉबी की निंदा होने लगी तब कहीं जाकर मध्यप्रदेश आईएएस एसोसिएशन ने एक मीटिंग की और प्रति अफसर 5-5 हजार रुपए राहतकोष में जमा कराने की घोषणा की।
अब सवाल यह उठता है कि जब लोग एक दिन और एक सप्ताह का वेतन दे रहे हैं तो अफसरों ने 5-5 हजार ही क्यों तय किए, तो जवाब यह है भैया, कि उनको खुद नहीं मालूम आजकल उनका वेतन क्या है। फिक्स में ही कारोबार चलता है तो फिक्स में ही डोनेशन भी डाल दी।
खैर जो भी हो, मदद कर रहे हैं तो अच्छा ही है, परंतु आईपीएस, आईएफएस और दूसरे समकक्ष कहां छिपे हैं। क्या 5-5 हजार भी नहीं निकल पा रहे पीड़ितों की मदद के लिए।