दिग्विजय सिंह नहीं चाहते कि तोता (CBI) पिंजड़े से बाहर निकले

नई दिल्ली। ट्रेजर आईलेंड जमीन घोटाले में सीबीआई की कड़ी जांच प्रक्रिया से गुजर रहे मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कतई नहीं चाहते कि सीबीआई से सरकार का कन्ट्रोल खतम हो। इसके लिए उन्होंने आज ट्विटर पर एक दलील पेश की है।

सुप्रीम कोर्ट को चिढ़ाने का सिलसिला जारी रखते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को इस एजेंसी की जवाबदेही का मुददा उठाया।

सिंह ने सोशल मीडिया टि्वटर पर पूछा कि सीबीआई में जांच अधिकारी अक्सर कोई इंस्पेक्टर या डिप्टी एसपी होता है तो क्या हम उसे स्वायत्तता देना चाहेंगे और उसे किसी के प्रति जवाबदेह भी ना रखे।

कांग्रेस नेता ने यह तल्ख टिप्पणी ऐसे समय में की है जब कोयला घोटाले की स्थिति रिपोर्ट सरकार के साथ साझा करने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की तीखी आलोचना की है।

एक टिप्पणी में कोर्ट ने यह भी कहा कि सीबीआई सरकार के पिंजड़े का तोता बनकर रह गई है। सिंह ने इस तुलना पर भी सवाल उठाया था। टि्वटर पर उन्होंने हाल ही में कहा था कि सीबीआई को तोता की संज्ञा देकर क्या हम अपनी संस्थाओं को नीचा नहीं दिखा रहे हैं।

सनद रहे कि दिग्विजय सिंह के इस अभियान से उनकी ही कांग्रेस ने पल्ला झाड़ लिया है और स्पष्ट कर दिया है कि ये मुहिम कांग्रेस की नहीं, बल्कि दिग्विजय सिंह की व्यक्तिगत है।

क्रिकेट की स्पॉट फिक्सिंग को लेकर भी कांग्रेस नेता ने अपनी टि्वटर एकाउंट पर टिप्पणियां की हैं। उन्होंने इसे राजनीतिक रंग देते हुए व्यंग्य किया है कि मुझे नहीं पता कि कितने लोगों ने भाजपा नेता वरूण गांधी और समाजवादी पार्टी के बीच चल रही मैच फिक्सिंग पर गौर किया है।

आईपीएल का बचाव करते हुए उन्होंने कहा है कि स्पॉट फिक्सिंग में लगे खिलाड़ियों को तो जीवन भर के लिए प्रतिबंधित करना चाहिए लेकिन इसके लिए आईपीएल को क्यों दोष दिया जाए। उन्होंने कहा कि नहाने के पानी के साथ हम बच्चे को तो बाहर नहीं फेंक सकते।


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