जबलपुर। हाईकोर्ट की अवकाशकालीन पीठ ने फ्लैट के लिए सुपर बिल्टअप एरिया के आधार पर स्टांप ड्यूटी की गणना करने पर रोक लगा दी है। सुपर बिल्टअप से आशय फ्लैट के कॉमन एरिया से है।
जस्टिस एनके मोदी और जस्टिस एनके गुप्ता की युगलपीठ ने भोपाल की एक संस्था की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के बाद यह अंतरिम आदेश दिया। साथ ही अनावेदकों को नोटिस जारी कर ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद जवाब पेश करने को कहा है।
याचिका भोपाल की एक सामाजिक संस्था नीरज बूलचंदानी एवं मुस्कान धर्मार्थ न्यास की ओर से हाईकोर्ट में दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि 1 अप्रैल 2013 को केंद्रीय मूल्यांकन समिति की अध्यक्षता में भोपाल जिले के लिए बाजार मूल्य गाइडलाइन अधिसूचित की गई थी।
गाइडलाइन में फ्लैटों के विक्रय हेतु अलग से प्रावधान बनाए गए। इसके तहत फ्लैटों के बाजार मूल्य की गणना कॉमन एरिया जैसे सीढिय़ां, पार्किंग, गार्डन, खुले क्षेत्र आदि को मिलाकर किये जाने का प्रावधान था। अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने इस प्रावधान की वैधानिकता को चुनौती देकर याचिका में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से किसी भी आवासीय कॉलोनी में कॉमन एरिया को बेचने पर रोक लगा दी थी।
इसके बाद भी गाइडलाइन में कुछ वर्गों को फायदा पहुंचाने के लिए शासन ने बिल्टअप एरिया के स्थान पर सुपर बिल्टअप एरिया पर अनिवार्य रूप से मूल्य निर्धारण के निर्देश जारी कर दिए। याचिका में यह भी आधार लिया गया कि राज्य शासन किसी भी खरीददार को संपति का कोई भी भाग खरीदने एवं विक्रय पत्र में उल्लेखित करने हेतु बाध्य नहीं कर सकता, परंतु इसके विपरीत गाइडलाइन में यह प्रावधान दिए गए, जो अवैधानिक हैं। मामले पर सुनवाई के बाद युगलपीठ ने विवादित प्रावधान के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी। साथ ही राज्य शासन, पंजीयन महानिरीक्षक, जिला पंजीयक भोपाल को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।