मेरी पत्नि के साथ कुछ भी कर सकता था लोकायुक्त इंस्पेक्टर: आईएएस थेटे

भोपाल। लोकायुक्त कार्यालय में अभ्रदता करने का आरोप झेल रहे आईएएस रमेश थेटे ने जीएडी को बड़ा अजीबोगरीब जवाब दिया है। थेटे ने इसमें कहा है कि मैं अपनी पत्नी के साथ उनके बयान दर्ज कराने लोकायुक्त कार्यालय इसलिए गया था क्योंकि उन्हें अपनी पत्नी की लज्जा भंग होने का डर था।

उन्होंने कहा कि लोकायुक्त निरीक्षक उमेश तिवारी ने अपेक्स बैंक कर्ज के मामले में मेरी पत्नी को लोकायुक्त कार्यालय बयान देने के लिए 2 जनवरी को अकेले बुलाया था। जबकि भारतीय दंड संहिता की धारा 160 के अनुसार किसी भी महिला को उसके सामान्य आवास से बाहर अकेले नहीं बुलाया जा सकता।

थेटे ने कहा कि पत्नी की लज्जा की रक्षा करना मेरा धर्म है, जिसे मैंने निभाया। उन्होंने लोकायुक्त में अभद्रता करने के आरोप को सिरे से खारिज किया।

उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी ने लोकायुक्त कार्यालय में आवेदन देकर कहा था कि अपेक्स बैंक कर्ज से संबंधित प्रकरण विशेष न्यायालय जबलपुर में विचाराधीन है ऐसे में वह बयान नहीं दे सकती। थेटे ने कहा कि यदि हम लोग लोकायुक्त कार्यालय में अभद्रता कर शासकीय कार्य में बाधा डालते तो क्या लोकायुक्त पुलिस हमें इतनी आसानी से वापस आने देती। वह हमें तुरंत गिरफ्तार कर हम पर मुकदमा दायर कर देती।

उल्लेखनीय है कि लोकायुक्त संगठन ने मुख्य सचिव आर परशुराम को पत्र लिखकर कहा था कि आईएएस रमेश थेटे ने 2 जनवरी को अपनी पत्नी के साथ निरीक्षक तिवारी के कक्ष में जाकर अभद्रता कर शासकीय कार्य में बाधा डाली है। इस पर जीएडी कार्मिक ने थेटे को कारण बताओ नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा था।

लोकायुक्त ने आईएएस थेटे की पत्नी मंदा थेटे अपेक्स बैंक से मेसर्स स्मार्ट ऑडियो कम्युनिकेशन के लिए फर्जी तरीके से 24 लाख 63 हजार के ऋण लेकर एक मुश्त समझौता करने का प्रकरण दर्ज किया था। हाल ही में हाईकोर्ट जबलपुर ने इस प्रकरण में मंदा थेटे को डेढ़ वर्ष की सजा सुनाई है।

उज्जैन न्यायालय में प्रकरण

आईएएस थेटे ने लोकायुक्त आईजी अशोक अवस्थी और निरीक्षक उमेश तिवारी के विरुद्ध उज्जैन न्यायालय में धारा 160 का उल्लंघन, महिला शील भंग और अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण के तहत उज्जैन न्यायालय में प्रकरण दर्ज कराया है।

लोकायुक्त पर भरोसा नहीं

रमेश थेटे, उप सचिव मंत्रालय ने बताया कि मुझे लोकायुक्त पुलिस पर भरोसा नहीं है। यदि मैं अपनी पत्नी के साथ लोकायुक्त कार्यालय नहीं जाता तो उसके साथ कोई घटना हो जाती। पत्नी की लज्जा की रक्षा करना हर पति का धर्म है मैने उसी धर्म का पालन किया है।
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