भोपाल। मध्यप्रदेश में निर्णायक वोटबैंक और शेष समाजों के बहुत से वोटर्स को प्रभावित करने वाले ब्रांह्मण समुदाय से कांग्रेस ने सीधा पंगा ले लिया। कांग्रेस ने भगवान परशुराम जयंती पर घोषित हुए अवकाश का विरोध किया है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग से जारी प्रेस रिलीज में प्रदेश कांग्रेस के सचिव विकल्प डेरिया की ओर से कहा गया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सभी वर्गों (समाज) के साथ एक जैसा व्यवहार नहीं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के जो दिल में आता है कर गुजरते हैं चाहे वह उचित हो अथवा अनुचित।
समाज में और भी वर्ग है और उनके भी इष्ट देवता है। वर्ग विशेष का प्रत्येक नागरिक यही सोच रखता है कि अपने ईष्ट देवता की आराधना तथा उसके पर्व, जयंती, त्यौहारों को धूमधाम से मनाया जाए, लेकिन ऐसा वे नहीं कर पाते।
कांग्रेस ने समाजों के बीच फूट डालने की रणनीति पर काम करते हुए अपने प्रेसरिलीज में लिखा है कि प्रदेश सरकार गुर्जर, मीना, कायस्थ एवं राजपूत वर्गों को दूसरी दृष्टि से देखती है तथा उनके साथ भेदभाव कर रही है। इन वर्गों के देवताओं के पर्व एवं त्यौहार आदि पर शासकीय अवकाश दिये जाने की मांग मुख्यमंत्री से की है।
कुल मिलाकर विकल्प डेरिया के कंधे का इस्तेमाल कर कांग्रेस ने ब्राह्मण समाज पर सीधा हमला बोला है। चूंकि यह बयान अवकाश की घोषणा के करीब 10 दिन और परशुराम जयंती के बीच जाने के करीब एक सप्ताह बाद आया है अत: यह नहीं कहा जा सकता कि यह केवल और केवल विकल्प डेरिया के विचार हैं। इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर तक विचार किया गया और अप्रूवल के बाद यह बयान जारी किया गया, अत: यह स्पष्ट हो गया है कि इस विचार के साथ पूरी की पूरी कांग्रेस शामिल है।
अब देखना यह है कि मध्यप्रदेश में ब्राह्मण समाज कांग्रेस को क्या और कब जवाब देता है। तत्काल प्रतिउत्तर दिया जाता है या विधानसभा चुनावों में। सवाल यह भी है कि कांग्रेस में ब्राह्मणों की राजनीति करते करते शिखर तक पहुंचने वाले नेता इस मामले पर क्या प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं।
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