भोपाल। नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने कहा है कि किसानों का भाजपा सरकार से उठता विश्वास और पिछले वर्ष गेहूं खरीदी में हुए भारी घोटाले के कारण इस वर्ष सरकार को शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा कि अनुमान से 61 लाख टन गेहूं खरीदी पिछले वर्ष से कम हुई है। नेता प्रतिपक्ष ने गेहूं खरीदी कम होने और पिछले वर्ष अधिक होने की सीबीआई जांच कराने की मांग की है, ताकि शिवराज सरकार का किसान विरोधी चेहरा सामने आ सके।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष गेहूं खरीदी में व्यापक पैमाने पर धांधली हुई थी। सार्वजनिक वितरण प्रणाली और बाहर का गेहूं भाजपाई बिचैलियों के जरिए समर्थन मूल्य पर मंडियों में बेंचा गया। इस फर्जी खरीदी का सेहरा बांध कर करोड़ों रूपये विज्ञापन पर खर्च कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने अपना शर्मनाक चेहरा दिखाया है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि असली किसान मंडी में घुस ही नहीं पाया। श्री सिंह ने आरोप लगाया कि किसानों के पिछले वर्ष के खराब अनुभव के कारण वह इस बार मंडी ही नहीं गया। उसने जिल्लत और जलालत झेलने के बजाए कम दामों पर गेहूं बेंचना स्वीकार किया लेकिन मंडी जाना उसे गवारा नहीं हुआ। श्री सिंह ने कहा कि इस बार भी व्यापक पैमाने पर किसानों के नाम पर समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी हुई है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार किसानों को लाभ देने के लिए समर्थन मूल्य में वृद्धि करती है लेकिन किसान विरोधी सरकार यह समर्थन मूल्य भाजपा के बिचैलियों और दलालों को बांट देती है। असली किसान ठगा सा देखता रह जाता है। उन्होंने कहा कि बोनस राशि बचने से खुश सरकार दरसल एक रूपया गेहूं और दो रूपए चावल देने की घोषणा करके फस गई है जिसकी पूर्ति वह कई माध्यमों से कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि शिवराज सरकार घोटालों की सरकार हो गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उस व्यवसाय में ही धोखाधड़ी की जिसे करने में वह गौरव हासिल करते है। श्री सिंह ने कहा कि अपने को किसान बताने वाले मुख्यमंत्री ने पिछले साल समर्थन मूल्य में हुई खरीदी में भारी घोटालों को संरक्षण दिया और यही नहीं भारत सरकार को खरीदी के झूठें आंकड़े प्रस्तुत कर कृषि कमर्ण अवार्ड भी प्राप्त कर लिया।