भोपाल। मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में शादी के लिए कई दूल्हे टॉयलेट सीट के साथ तस्वीर खिंचाते दिख सकते हैं। यहां सरकारी योजना के तहत सामूहिक विवाह योजना के लिए यह तस्वीर एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
यहां स्थानीय प्रशासन ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत किए जाने वाले किसी भी विवाह के लिए इस तस्वीर को अनिवार्य जरूरतों में शामिल किया है। इसी के आधार पर किसी भी व्यक्ति को इस योजना का कोई लाभ मिल सकेगा।
शौचालयों की समस्या के चलते पहले यहां निर्देश दिए गए थे। योजना के तहत किसी भी विवाह के लिए लड़के के घर में शौचायल होना अनिवार्य था और उसके लिए उसे एक एफिडेविट भी बनाकर देना था।
अब शौचालय की समस्या के समाधान के लिए इस तस्वीर को अनिवार्य किया गया है, जिसमें लड़के को अपने घर के शौचालय के साथ तस्वीर खिंचा कर देनी होगी।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक जिले के कलेक्टर कवीन्द्र कियावट ने बताया कि, "नए सुधार के चलते हमने इस बात की पूरी कोशिश की है कि किसी प्रकार की कोई गलती या धोखा न हो। इसमें न सिर्फ घर के शौचालय बल्कि लड़के की घर के शौचालय के साथ की तस्वीर शामिल है।"
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत जो भी विवाह होता है, उसमें 1.5 लाख रुपए की राशि और कुछ उपहार दिए जाते हैं। सीहोर के डिजिटल स्टूडियो के मालिक देवेंद्र मैथिल ने बताया कि,"लोग अब फोन या डिजिटल कैमरे से खींची हुई ऐसी तस्वीरो को धुलवाने आते हैं।"
जिले के सोशल जस्टिस डिपार्टमेंट के प्रमुख के.पी. त्रिपाठी का कहना है कि," मुख्यमंत्री की उपस्थिति में हाल में 184 जोड़ों का विवाह करवाया गया है। हर मामले में इस बात को सुनिश्ति किया है कि लड़के के घर में शौचालय हो।