बुदनी। यहां विगत 27 मई को सम्पन्न हुए सामूहिक विवाह आयोजन में सीएम शिवराज सिंह चौहान की 'गांधीगिरी' देखने को मिली। एक ऐसा कदम और एक ऐसा सबक जो पूरे प्रदेश के व्यवस्थापकों को मिलेगा और कम से कम आयोजन इसे जीवन भर नहीं भूल पाएंगे।
दरअसल दूल्हों की बारात में शामिल मुख्यमंत्री रोड शो में पत्नि साधना सिंह के साथ ओपन गाड़ी में थे। आजू बाजू सैंकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं सहित दूल्हों के परिजन भी थे पूरे नगर को साज सज्जा, बैनर से सजाया गया था वहीं स्थानीय अधिकारियों और नेताओं के द्वारा बारात में लगाई गई लाइटें जो कि छोटी छोटी बच्चियां पकड़ कर चल रही थी।
सीएम की मौजूदगी में बाल मजदूरी और वो भी कन्यादान समारोह में कन्याओं से मजदूरी देखते ही शिवराज सिंह आग बबूला हो गए, उन्होंने अधिकारियों को डपटने के बजाए सबक सिखाने के लिए 'गांधीगिरी' का इस्तेमाल किया और वह स्वयं गाड़ी से उतर कर कन्याओं के सर पर रखे बिजली के रोशनी वाले गमलों का अपने हाथ में उठा लिया।
बस फिर क्या था, आनन फानन भागते हुए नेता, कार्यकर्ता अधिकारी सब आ जुटे। हालांकि बिजली की रोशनी वाले ये फूलदानों का बोझ भाजपाई ज्यादा समय तक नहीं उठा पाए ओर अंतत: उन्हें बंद कर दिया गया। शेष रोडशो अंधेरे में ही हुआ परंतु सीएम के इस कदम ने एक बात को फिर से प्रमाणित कर दिया कि सीहोर वाले शिवराज सिंह चौहान के अंदर अभी संवेदनाएं जिंदा है और वो कन्याओं के पैर पखारने का काम दिखावे के लिए नहीं करते।