आमजगढ़ की राजनीति में सक्रिय मध्यप्रदेश के महामहिम

भोपाल। सुना है राष्ट्रपति एवं राज्यपाल जैसे संवैधानिक पदों पर मौजूद लोग सक्रिय राजनीति नहीं कर सकते। ऐसा भारत के संविधान में ​आदेशित है परंतु मध्यप्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव आज भी सक्रिय राजनीति का हिस्सा हैं। वो उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ की राजनीति में सक्रिय हैं एवं अन्यान्य बहानों से मध्यप्रदेश का राजभवन छोड़कर आजमगढ़ पहुंच जाते हैं।

25 मई 2013 को भी मध्यप्रदेश के राज्यपाल महोदय वहीं पर थे। आप खुद पढ़िए वहां क्या कुछ कहा महामहिम ने:—

आजमगढ़ मेरा गृह जनपद है और यहां का दर्द मेरे दिल में है। यहां के बारे में मुझे कुछ बताने की जरूरत नहीं है। चाहता हूं कि यहां कुछ नया हो लेकिन समस्या इस बात की है कि जो पहले मैंने की, उसे सहेजने में सरकारों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई।

बहुत पहले देवारा क्षेत्र की समस्या को महसूस किया। स्पेशल टीम के साथ स्टीमर से इलाके का सर्वेक्षण किया। लगा कि महुला गढ़वल बांध को पक्का करा दिया जाए तो कटान की समस्या कम हो सकती है।

उक्त बातें मध्यप्रदेश के राज्यपाल एवं पूर्व मुख्यमंत्री रामनरेश यादव ने कही। वह शनिवार को ज्ञानेंद्र सिंह उर्फ ज्ञानू सिंह के सिविल लाइन स्थित आवास पर उनकी मां धन्नो देवी के निधन पर शोक जताने पहुंचे थे। इस बीच मीडिया से बातचीत में जिले के विकास की चर्चा शुरू हुई। उन्होंने कहा कि यह मेरा जिला है। यहां के लोगों का स्नेह मेरे साथ है, तभी मैं एमपी बना और प्रदेश का मुख्यमंत्री भी रहा।

इसके बाद एटा जिले के निधौली कला से विधायक बना फिर शिकोहाबाद से चुनाव जीता। ऐसे में वहां की जनता भी मेरे हृदय में बसी हुई है। आज भी वहां जाता हूं। उन्होंने कहा कि महुला-गढ़वल बांध का किनारा पक्का कराने के लिए पूर्व में टीम ने रिपोर्ट भी भेजी थी लेकिन वह कहीं रुक गई। इस बारे में डीएम से इस्टीमेट बनाकर भेजने के लिए कहा गया है।

उन्होंने कहा कि आजमगढ़ में अगर फ्लाईओवर बन रहा है तो वह भी हमारे प्रयास से। इसमें प्रदेश सरकार तैयार नहीं हो रही थी। बाद में तैयार हुई लेकिन रूट डायवर्जन की समस्या आड़े आई। उसके बाद काम शुरू हुआ लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ। इस बारे में डीएम से जानकारी मांगी गई है। श्री यादव ने कहा कि यह मंडल मुख्यालय भी है। यहां हम चाहते हैं कि एफएम रेडियो रिले केंद्र की स्थापना हो। इस बाबत डीएम से रिपोर्ट मांगी गई है।

इस दौरान ज्ञानू के बड़े भाई वीरेंद्र सिंह, भतीजे धनंजय सिंह, बेटे अनुराग व विशाल सिंह के अलावा विजय दुबे, पप्पू सिंह, विजय सिंह मास्टर, अशोक तिवारी, कमलेश सिंह, लालती देवी, सुमन सिंह, अशोक सिंह, राजमंगल सिंह, लालसा राय, मुन्नू यादव, चंद्रपाल सिंह यादव, आरपी राय, त्रिभुवन दुबे, सिंगारी गौतम, रामगनेश प्रजापति, राजकुमार पांडेय, कमलेश यादव, दिनेश यादव, अभिषेक सिंह आदि भी मौजूद थे।

हवाई पट्टी पर हुआ स्वागत

मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव के मंदुरी हवाई पट्टी पर पहुंचने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव व पीसीसी सदस्य तथा मिशन अस्पताल के निदेशक डा. अशोक कुमार सिंह के नेतृत्व में स्वागत किया गया। लोगों ने उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस दौरान शेख मुर्तजा बेग, विश्वदेव उपाध्याय, नरेंद्र सिंह एडवोकेट, अजीत पांडेय, डा. आरएम मानव, डा. अजीम अहमद, एके रस्तोगी, बीरबल यादव, बीके चौबे, अरूण कुमार, श्रवण कुमार, संदीप सिंह सोनू आदि उपस्थित थे।

बवाल के चलते रुक गए राज्यपाल

दिन के करीब डेढ़ बज रहे होंगे। मध्य प्रदेश के राज्यपाल ज्ञानेंद्र सिंह के आवास पर शोक संवेदना और मीडिया से बातचीत के बाद निकलने को तैयार हुए। जिस कमरे में बैठे थे वहां से निकल भी गए थे लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें कुछ देर रुकने की सलाह दी। बताया कि बाहर उलेमा कौंसिल के लोग बवाल कर रहे हैं। इसके बाद श्री यादव फिर कमरे में चले गए। आधा घंटे वहीं बैठे रहे। उलेमा कौंसिल का बवाल खत्म होने के बाद वह फूलपुर की रवाना हो गए।

खबर दैनिक जागरण में प्रकाशित रिपोर्ट पर आधारित


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