भोपाल। प्रदेश के व्यापारी राज्य सरकार के लिए टैक्स का संग्रह करते हैं फिर उसे सरकारी खजाने में जमा कराते हैं। इसलिए राज्य सरकार को चाहिए कि उन्हें बीमा और पेंशन जैसी सुविधाएं प्रदान करे। फेडरेशन ऑफ मध्यप्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (एफएमसीसीआई) द्वारा अध्यक्ष रमेशचंद्र अग्रवाल की अध्यक्षता में प्रदेशभर के व्यापारिक संगठनों की एक विशाल बैठक में प्रस्तुत मसौदे में इन बिंदुओं को भी शामिल किया गया है।
इस मसौदे को आज व्यापारिक संगठनों की मंजूरी मिलने के बाद अब इसे सात दिनों के भीतर राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत कर दिया जाएगा। सरकार मंत्री परिषद, वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों से चर्चा के बाद इसे अंतिम रूप दे देगी।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश सरकार फेडरेशन की अगुवाई में बन रही व्यापार नीति को पहले ही अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे चुकी है। आज एनआईटीटीटीआर के सभागार में आयोजित इस बैठक में राज्य सरकार के दो पर्यवेक्षक मौजूद थे।
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में फेडरेशन प्रमुख रमेश चंद्र अग्रवाल ने कहा कि व्यापार क्षेत्र के दायरा काफी बढ़ गया है। उसकी समस्या उद्योग से अलग है। इसलिए उसके लिए अलग से विभाग बनाया जाए।
बेशक यह विभाग उद्योग विभाग के दायरे में ही आए। लेकिन इसके लिए पृथक डॉयरेक्टर (ट्रेड) के पद का सृजन किया जाए। प्रदेश में जिस तरह एक औद्योगिक सलाहकार समिति का गठित की गई है। उसी तरह एक व्यापार सलाहकार समिति का भी गठन किया जाए।
जिला स्तर पर कलेक्टर की अगुवाई में बनने वाली समिति में दूसरे विभाग और संगठनों के साथ वहां की व्यापारिक एसोसिएशन के प्रतिनिधि को जगह मिले। ताकि उसकी समस्याओं का समाधान वहीं पर हो सके।