शिवराज की तीसरी पारी में मध्यप्रदेश शासन नहीं, प्राइवेट लिमिटेड हो जाएगा

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि अपनी तीसरी पानी में वो कुछ ऐसा करेंगे कि मध्यप्रदेश में शासन नहीं बल्कि प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों का राज्य स्थापित हो जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जन-भागीदारी से ही मध्यप्रदेश को अग्रणी राज्य बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने समाज के प्रत्येक तबके की भलाई के लिये जन-कल्याणकारी योजनाएँ चलाई हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज बालाघाट के कटंगी में अंत्योदय मेले को संबोधित कर रहे थे।

सनद रहे कि जनभागीदारी अर्थात पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप एक ओर जहां विकास का ढांचा तैयार कर देती है दूसरी ओर जिस जमीन पर यह ढांचा तैयार होता है वहां से मध्यप्रदेश शासन का अधिकार समाप्त हो जाता है।

मध्यप्रदेश में वर्तमान में ही दर्जनों ऐसे मामले में जिसमें PPP से शुरू किए गए निर्माण पर कंपनी का कब्जा बना हुआ है एवं वहां किसी भी प्रकार के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। हालात तो यह है कि शिकायतों की भी सुनवाई करने की हिम्मत मध्यप्रदेश शासन नहीं कर पा रहा है।

भोपाल-इन्दौर हाईवे इसका एक नजदीकी उदाहरण मात्र है, जहां उन लोगों से भी जबरन टैक्स वसूला जा रहा है जो इन्दौर नहीं बल्कि सीहोर जाना चाहते हैं। इसके अलावा मनमानी वसूली, बत्तमीजी, नाइटचार्ज और ना जाने किस किस चीज के नाम पर नाकों पर चल रही दादागिरी के समाचार प्रकाश में आते रहते हैं। लोगों ने शिकायतें भी कीं परंतु शिवराज प्रशासन अपने पार्टनर्स के खिलाफ कार्रवाई करना तो दूर जांच करने तक की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।

जरा सोचिए जब हर अस्पताल, स्कूल और सड़कों पर कंपनियों के बोर्ड लग जाएंगे तो विकास तो दिखाई देगा, लेकिन आम आदमी को घर से निकलते ही रसीदें कटवाना शुरू कर देनी पड़ेंगी। तय कर लीजिए, किस कीमत पर चाहिए विकास।

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