लोकसभा में चुपचाप बैठे रहते हैं कांतिलाल भूरिया, चार साल में एक भी बार नहीं बोले

शैलेंद्र चौहान@पत्रिका भोपाल। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया पार्टी नेताओं के शिकवे-शिकायतें लेकर बार-बार दिल्ली जाते हैं, लेकिन लोकसभा में जनता के लिए मुंह नहीं खोलते। बीते चार साल में भूरिया ने लोकसभा में प्रदेश या अपने संसदीय क्षेत्र रतलाम की एक भी समस्या को लेकर सवाल नहीं पूछा। वे अकेले ऎसे सांसद हैं, जिन्होंने सदन में सवाल उठाने में रूचि नहीं दिखाई।

केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने और 15 अप्रैल 2011 से प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद भी भूरिया चुप हैं। उनकी उपस्थिति 51 फीसदी रही। वे बहस में भी नहीं बोलते। केंद्रीय मंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी सवाल नहीं पूछे। हालांकि,परंपरा के चलते मंत्री सदन में सवाल नहीं पूछते हैं।

नंदिनी सिंह भी चुप रहतीं हैं

शहडोल से कांग्रेस की सांसद राजेश नंदिनी सिंह भी कभी सवाल नहीं पूछतीं। उन्होंने 4 साल में केवल एक सवाल उठाया। सदन में उनकी उपस्थिति 85 फीसदी रही। वे किसी बहस में भी नहीं बोली, जबकि महिला अपराधों से जुड़े मुद्दों पर कई बार संसद में जमकर हंगामा तक हो चुका है।

ये सवाल क्यों नहीं उठाते?
भूरिया आदिवासी बहुल इलाके झाबुआ में अभी तक ट्रेन नहीं पहुंचा सके। मनमोहन सिंह ने वर्ष 2008 में इंदौर-दाहोद और छोटा उदयपुर-धार रेल परियोजना का का शुभारंभ किया था।

2500 करोड़ की योजनाओं पर केंद्र ने मुश्किल से 300 करोड़ मंजूर किए। दोनों ट्रेन संसदीय क्षेत्र रतलाम से भी गुजरेगी।

मनरेगा में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार आदिवासी इलाकों में हुआ। भूरिया ने केंद्र के पैसे पर प्रदेश में भारी भ्रष्टाचार होने पर भी संसद में उच्च स्तरीय जांच या कड़ी कार्रवाई की मांग सदन में नहीं उठाई।

कांग्रेस के इन सांसदों ने पूछे सवाल
- अरूण यादव 253
- गजेंद्रसिंह राजूखेड़ी 1,101
- मीनाक्षी नटराजन 13,515
- नारायणसिंह अंबलाबे 13,365
- प्रेमचंद गुड्डू 23,331
- सज्जनसिंह वर्मा 384 58
- उदयप्रताप सिंह 18,531

भूरिया बोले संसद में बोलने की क्या जरूरत, मिलकर काम करवा लेते हैं

चार साल में आपने कोई सवाल नहीं पूछा?
-इसकी जरूरत ही क्या है। मंत्री से मिलकर काम करा लेते हैं।

क्या प्रदेश और आपके संसदीय क्षेत्र में कोई समस्या नहीं है।
- हम तो दबाव बनाकर काम करवा लेते हैं।

आपके क्षेत्र की दो रेल परियोजना अधूरी हैं?
- उसके लिए अलग से पीएम से मिले थे।

बहस में भी नहीं बोलते?
भाजपा के खिलाफ खूब बोले हैं। (हालांकि रिकॉर्ड में नहीं है)।

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