भोपाल। भोपाल रेल मंडल में कामकाज पेसेंजर से भी स्लो चलते हैं। पिछले दो महीने से नई नवेली डबल डेकर खड़े खड़े कबाड़ हो रही है और रेल मंडल है कि उसे चलवा ही नहीं पा रहा। कभी यहां तो कभी वहां बस रुकने के कारण ही सामने आ रहे हैं। समझ नहीं आता डीआरएम के पास साल्यूशन क्यों नहीं होते।
भोपाल रेल मंडल व जोन के अधिकारियों द्वारा कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) को दो बार अधूरी जानकारी भेजी गई। इसलिए रिपोर्ट से नाखुश सीआरएस अनुमति जारी नहीं कर रहे हैं। सीआरएस ने एक बार फिर जबलपुर स्थित पश्चिम-मध्य रेलवे से कहा है कि मेंटेनेंस के बारे में ठोस जानकारी भेजें। मेंटेनेंस के अभाव में अगर कोई हादसा होगा तो जिम्मेदारी किसकी होगी?
बुधवार को पश्चिम-मध्य रेलवे सर्कल के सीआरएस चेतन बख्शी ने पत्र भेजकर फिर सवाल उठाया कि डबल डेकर ट्रेन को मेंटेन करने के लिए कितना स्टाफ है ? पुराने स्टाफ से इसका मेंटेनेंस कैसे होगा? उन्होंने कहा कि ट्रेन के रोजाना मेंटेनेंस के लिए 31 अतिरिक्त ट्रेंड कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी। ये कर्मचारी भोपाल रेल मंडल कहां से लाएगा? इस बारे में भोपाल रेल मंडल का कहना है कि अतिरिक्त कर्मचारियों के लिए अनुमति मांगी गई है। लेकिन अभी तक नहीं मिली है।
सीआरएस द्वारा पूछे सवालों का जवाब रेल मंडल तैयार कर जबलपुर स्थित पश्चिम-मध्य रेलवे ऑफिस भेजता है। इसके बाद इस रिपोर्ट को ओके कर जबलपुर ऑफिस से जवाब सीआरएस को भेजा जाता है। इससे पहले भेजी गई रिपोर्ट से दोनों जोन के सीआरएस सहमत नहीं हुए थे। ज्ञात हो कि कपूरथला कोच फैक्टरी से डबल डेकर ट्रेन का रैक भोपाल में इस वर्ष 3 अप्रैल को आ गया था। 13 अप्रैल को हबीबगंज से इंदौर के बीच दोनों रूट पर ट्रॉयल किया गया। इस दौरान रास्ते में स्टेशनों के शेड से टकराने व ट्रेन में झटके लगने की समस्या सामने आई थी।
मेंटेनेंस का टेंडर 20 को
डबल डेकर के कोचों में एसी चलाने के लिए जेनरेटर कार के मेंटेनेंस के लिए 20 जून तक टेंडर प्रक्रिया पूरी होगी। करीब एक करोड़ 12 लाख रुपए में इसके तीन जेनरेटर कार कोचों का मेंटेनेंस कराया जाएगा।
अधिकारियों का कहना है कि यदि सीआरएस, ट्रेन चलाने की अनुमति दे देते हैं तो इसका टेंडर प्रक्रिया पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
यात्रियों की सुरक्षा प्राथमिकता
॥हम यात्रियों व ट्रेन की सुरक्षा से कतई समझौता नहीं कर सकते। तीसरी बार जोन से हमने ट्रेन के संबंध में पत्र लिखकर जानकारी मांगी है। संतोषजनक जवाब मिलने पर ही ट्रेन चलाने की अनुमति दे दी जाएगी।
चेतन बख्शी, सीआरएस, सेंट्रल सर्कल मुंबई
दूर की जाएंगी कमियां
॥यात्रियों की सुरक्षा के प्रति हम भी संवेदनशील हैं। ट्रेन के मेंटेनेंस सहित सभी मुद्दों पर विभिन्न विभाग वर्क आउट कर चुके हैं। सीआरएस ने डबल डेकर के संबंध में जो सवाल पूछे हैं, हमने उनके जवाब भिजवा दिए हैं। इसमें जो कमियां होंगी, उसे पूरा किया जाएगा। नए पत्र को पढ़कर उनके द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब भी जल्द भेजे जाएंगे।
पीयूष माथुर, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पश्चिम-मध्य रेलवे
मेंटेनेंस की हुई थी ट्रेनिंग
डबल डेकर के ट्रायल के दौरान रेल मंडल ने चार दर्जन कर्मचारियों को मेंटेनेंस आदि की ट्रेनिंग करवाई थी। अधिकारियों का मानना था कि इन ट्रेंड कर्मचारियों के भरोसे फिलहाल सीआरएस से परमिशन लेकर गाड़ी शुरू कर दी जाए। इसके बाद रेलवे बोर्ड से मंजूरी मिलते ही भर्ती कर ली जाएगी।