भोपाल (प्रतिमा बाली)। मध्यप्रदेश के हर वर्ग की झोली सौगातों से भर देने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर मध्यप्रदेश वनविभाग में कार्यरत कम्प्यूटर आपरेटर बड़ी ही कातर निगाहों से देख रहे हैं क्योंकि पूरे विभाग का बोझ उठा रहे इन आपरेटर्स तो अब तक संविदा नियुक्ति तक नहीं दी गई है। वो अभी भी वनविभाग के दिहाड़ी मजदूरों की तरह काम कर रहे हैं।
जहां एक ओर प्रदेश भर के संविदा कर्मचारी स्वयं को नियमित करने की मांग कर रहे हैं। जो नियिमित हैं वो केन्द्र के समान वेतन मांग रहे हैं, वहीं वनविभाग के कम्प्यूटर आपरेटर्स निरीह प्राणियों की तरह बस टकटकी लगाए सीएम शिवराज सिंह की ओर देख रहे हैं कि कभी तो उन्हें ध्यान आएगा कि एक वर्ग बिना आवाज किए लगातार अपने दायित्वों को उन हालातों में निभा रहा है जबकि विभाग ने उन्हें संविदा नियुक्ति तक नहीं दी है।
वो एक अदद संविदा नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। चाहते हैं कि वो जो भी परिश्रम कर रहे हैं उसका कहीं कोई रिकार्ड तो हो। कहीं तो दर्ज हो जाए कि उन्होंने भी मध्यप्रदेश शासन की सेवा की है। पिछले 15 साल से बस वो यही एक उम्मीद लिए काम किए जा रहे हैं।
वेतन के नाम पर मात्र 3600, 4500, 6000, 7500, ही बमुश्किल मिल रहे हैं। यह एक अनपढ़ दिहाड़ी मजदूर की पगार से भी कम है फिर भी जुटे हुए हैं। पूरी इमानदारी के साथ। देखना यह है कि क्या इस वर्ग की ओर भी शासन की कृपादृष्टि हो पाएगी। क्या नक्सली हमले के बाद भी अपना जन्मदिन मनाने वाले वनमंत्री सरताज सिंह इन्हें खुशियां मनाने का मौका देंगे।