भोपाल। आईएएस रमेश थेटे की पत्नी मंदा के बहुचर्चित लोन मामले में राज्य सहकारी बैंक जबलपुर के तत्कालीन शाखा प्रबंधक केशव देशपांडे को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल पाई।
जस्टिस आरसी मिश्रा और जस्टिस टीके कौशल की बेंच ने सजा पर रोक लगाने संबंधी अर्जी गुरुवार को खारिज कर दी। गौरतलब है कि व्यवसाय के लिए मंदा थेटे को 25 लाख रुपए का लोन देने में कथित तौर पर फर्जीवाड़ा हुआ था। लोकायुक्त जबलपुर की विशेष अदालत ने 24 अप्रैल 2013 को मंदा और केशव को एक-एक साल की सजा और 20-20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की बेंच इसी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही था।
सनद रहे कि यह मामला पॉलिटिकल प्रेशर में आए एक अधिकारी द्वारा नियमविरुद्ध काम करने का है।