राकेश दुबे@प्रतिदिन। आखिर भारतीय जनता पार्टी का संसदीय बोर्ड फिर से आडवानी के इर्दगिर्द एकत्र हो रहा है और फिर से इस बात के प्रयास हो रहे है कि अगले प्रधानमंत्री के रूप में उनका नाम चुनाव के पूर्व एक नियोजित नीति के अंतर्गत सामने लाया जाये और इसमें एनडीए के अन्य घटकों की भी पूर्व स्वीकरोक्ति हो।
भारतीय जनता पार्टी का संसदीय बोर्ड आज दिल्ली में बैठा था । बैठक के अजेंडे के अतिरिक्त जो विषय चर्चा में आये उनमे प्रधानमंत्री के लिये उम्मीदवार का नाम और उमा भारती की मध्य प्रदेश में सक्रियता जैसे विषय भी अनौपचारिक रुप से चर्चा में रहे ।
सूत्रों के अनुसार श्रीमती सुषमा स्वराज द्वारा प्रधानमंत्री पद के लिए आडवानी जी के नाम को देश में अधिक स्वीकार्यता है कहने पर नरेंद्र मोदी की चुप्पी देखकर किसी ने टिप्पणी की "आडवानी जी जैसा कोई नहीं" । अनंत कुमार का कहना था कि एनडीए के अन्य घटकों की स्वीकार्यता के बाद इस विषय पर कुछ बोलना ठीक रहेगा। मोदी और आडवानी दोनों चुप और एक दूसरे को नजरों से तौलते रहे।
साध्वी उमा भारती की मध्यप्रदेश में सक्रियता को लेकर भी बातचीत हुई। इस मामले में राजनाथ सिंह से जब पूछा गया तो वे पहले चुप रहे बाद में सिर्फ इतना बोले कि "वहां के प्रभारी अनंत कुमार है और उत्तर प्रदेश के प्रभारी अमित शाह उनको तय करना है कि उमा जी का उपयोग कहाँ हो।" स्मरण रहे की उमा भारती ने कल उज्जैन में कहा था कि वे मध्यप्रदेश से भी चुनाव लड सकती हैं।
