मध्यप्रदेश के स्थापित और नवोदित साहित्यकारों के बीच विचार मंथन चल रहा है। इंटरनेट और फेसबुक के उपयोग और नई नीति व्यवस्थाओं पर बातचीत चल रही है। आप भी इस विचार मंथन में सादर आमंत्रित हैं।
इस विचार मंथन की शुरूआत फेसबुक पर हुई। विचार अच्छा है और मंथन होना चाहिए परंतु फेसबुक पर समस्या यह है कि कई बार विषय बार बार सामने आता है और कई बार आकर गायब हो जाता है। उसका अपना कोई यूआरएल एड्रेस नहीं बन पाता जिसे संभालकर रखा जा सके। हम इस बातचीत को यहां प्रकाशित कर रहे हैं ताकि इंटरनेट की दुनिया में इस विषय को एक यूनिवर्सल एड्रेस मिल जाए जहां इसे कभी भी खोलकर देखा जा सके। ताकि सनद रहे और वक्तजरूरत काम आवे।
इस विषय पर आपके बेवाक विचार सादर आमंत्रित हैं। आप हिन्दी का अंग्रेजी किसी भी भाषा का प्रयोग कर सकते हैं। शायद विचारों का यह आदान प्रदान विषय को किसी नए मोड़ पर ले आए।
कृपया इस विषय को पढ़ने के लिए नीचे कमेंट बॉक्स में झांकें एवं वहीं पर अपने विचार भी पोस्ट कर दें।
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