भोपाल। झांरी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में प्रशासनिक भवन के ठीक पीछे पोस्टमार्टम हाउस के सामने पेड़ से लटकी मिली लाश से सनसनी फैल गई। वह मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले दो छात्रों से मिलने आया था। हत्या-आत्महत्या की उलझी गुत्थी के बीच परिजन हत्या की सम्भावना जता रहे हैं। इसकी वजह पैसे का लेन-देन बताया जा रहा है।
मध्य प्रदेश के जिला मुरैना के मड़िया गेट निवासी देवीराम यादव का पुत्र चन्द्रभान सिंह यादव ग्वालियर में स्नातक का छात्र होने के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर रहा था। मंगलवार को परिवार में ही शादी थी, लेकिन फोन द्वारा बुलाये जाने पर वह मेडिकल कॉलेज के दो छात्रों से मिलने की बात कहकर झाँसी आ गया।
परिजनों के मुताबिक चन्द्रभान यहाँ मेडिकल कॉलेज परिसर में ही रुका। भोपाल में विद्युत विभाग में एसडीओ श्रीनिवास (मृतक के भाई) ने बताया कि मंगलवार की रात लगभग 8 बजे चन्द्रभान से फोन पर उनकी बात हुई। रात लगभग 10 बजे चन्द्रभान का फोन स्विच ऑफ हो गया। परिजनों के मुताबिक मेडिकल कॉलेज परिसर में पढ़ने वाले दो छात्रों ने चन्द्रभान को रुपये देने के लिये बुलाया था। चन्द्रभान इसलिये भी जल्दी झाँसी आ गया क्योंकि उक्त दोनों छात्रों ने उससे कहा कि उन्हें अगले दिन सुबह ही ट्रेन द्वारा बाहर जाना है।
चन्द्रभान ने परिजनों से बुधवार की शाम 8 बजे झाँसी छोड़ने की बात भी कही, लेकिन फोन बन्द होने के कारण परिजनों को कोई और जानकारी नहीं मिल पायी। इसी बीच बृहस्पतिवार को सुबह चन्द्रभान का शव पोस्टमॉर्टम हाउस के सामने एक पेड़ पर लटकता मिला। मौके पर पहुँची पुलिस को चन्द्रभान की जेब से मोबाइल, 1700 रुपये, मतदाता पहचान पत्र आदि बरामद हुआ। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिये भेज दिया। समाचार लिखे जाने तक घटना की रिपोर्ट दर्ज नहीं करायी जा सकी थी।
परिजन ले रहे 'मित्रों' के नाम
मृतक के भाई श्रीनिवास यादव व अन्य परिजन मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले दो छात्रों के नाम खुलकर ले रहे हैं। उनका आरोप है कि इन्हीं दो छात्रों ने चन्द्रभान की हत्या कर दी और फरार हो गये।
कमरे में लगा है ताला
जिन दो छात्रों पर हत्या का आरोप लगाया जा रहा है, परिजनों के मुताबिक वह चन्द्रभान के खास दोस्तों में थे। चन्द्रभान उनसे मिलने अक्सर यहाँ आता रहता था। बताया गया कि उक्त दोस्त घटना के बाद से ही फरार हो गये। उनके कमरे में ताला लगा है।