भोपाल। शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत भोपाल जिले के प्राइवेट स्कूलों में अभी भी 9 हजार से ज्यादा सीटें खाली हैं। इन सीटों पर गरीब व वंचित वर्ग के 25 फीसदी बच्चों को एडमिशन दिया जाना है। फरवरी और अप्रैल में हुए दो चरणों के एडमिशन के दौरान अधिकतर सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की सीटें फुल हो गईं।
अब मात्र स्कूल शिक्षा विभाग से संबंधित स्कूलों में ही सीटें बची हैं। इन सीटों को अगले चरण की प्रवेश प्रक्रिया के दौरान ही भरा जा सकेगा। जिला शिक्षा केंद्र को गत 25 अप्रैल तक मिली जानकारी के अनुसार सीबीएसई सहित सभी 1260 प्राइवेट स्कूलों के लिए निर्धारित 15 हजार 601 में से मात्र 6 हजार 478 सीट ही भरी जा सकी हैं। इस तरह गरीब बच्चों के अभिभावक भी सबसे पहले सीबीएसई स्कूलों में ही अपने बच्चों के एडमिशन का प्राथमिकता दे रहे हैं।
वहीं, प्रदेश के सभी 50 जिलों में मौजूद प्राइवेट स्कूलों में करीब पौने दो लाख सीटें निर्धारित की गई थीं। इनमें से लगभग सवा लाख सीटें भरी जा चुकी हैं। राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों का कहना है कि पिछले वर्ष के अनुभव को देखते हुए इस बार भी अगले शिक्षण सत्र के शुरू होने तक अधिकतर सीटें भर जाएंगी।
इधर, राज्य शिक्षा केंद्र ने आरटीई के तहत पड़ोस की सीमा में प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के निर्धारण की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी है। सभी जिला परियोजना समन्वयकों (डीपीसी) से कहा गया है कि वे अपने-अपने जिले के अंतर्गत सर्वे में शामिल सभी बसाहटों को शामिल करवाएं। इन बसाहटों का मिलान 8वें ऑल इंडिया सर्वे की सूची से होना चाहिएl
स्कूल शिक्षा विभाग से संबंधित स्कूलों में ज्यादा सीट बचीं-
भोपाल जिले में आरटीई के तहत स्कूलों की संख्या- 1260
गरीब व वंचित वर्ग के बच्चों के लिए कुल सीट- 15 हजार 601
फरवरी और अप्रैल में दो चरणों में भरी गईं सीटें- 6 हजार 478
शेष बची हुई खाली सीटों की संख्या- 9 हजार 123
स्रोत: जिला शिक्षा केंद्र से प्राप्त जानकारी।