गैरतगंज। राकेश गौर। थाना गैरतगंज की गढी चौकी अंतर्गत बीते चार दिनों से गांव की बेटी को जिंदा जलाए जाने का मामला गर्माया हुआ था। मंगलवार को नाबालिक किशोरी का अंतिम संस्कार ग्राम गढी में ही कर दिया गया।
वही पुलिस ने इस मामले की दोबारा पूरी पूछताछ किशोरी के परिजनो से की। कस्बा गढी में इस दिल दहला देने वाले पूरे घटनाक्रम में सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधियों ने पीडित परिवार की सुध तक नही ली। वही प्रशासन ने किशोरी की मौत पर तहसीलदार की ओर से महज 3 हजार की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई है। जिसकी चर्चाऐं क्षेत्र में हो रही है।
तीन दिनों के घटनाक्रम के बाद ग्राम के निवासी मुन्नालाल की 15 वर्षीय बेटी जयश्री का गढी में ही अंति संस्कार कर दिया। किशोरी के पिता मुन्नाला, भाई राजेश, माता केसार बाई एवं जीजा हरपाल सिंह से पुलिस ने मामले में दोबारा पूरी पूछताछ की गई। एसडीओपी गिरीश बोहरे, तहसीलदार आलोक पारे एवं थाना प्रभारी एसएस पटेल ने परिजनों से लंबी चर्चाऐं की।
पूछताछ के दौरान परिजनों ने स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा समय पर उचित कार्रवाई न करने के कारण घटना घटित हुई। वही घटना के दो दिन पहले के घटनाक्रम में पुलिस की कार्यप्रणाली की षिकायत एवं उन पर कार्रवाई की बात एक बार फिर परिजनों ने की।
सत्तापक्ष ने नही ली सुध
मप्र में बेटियों की रक्षा के लिए बडी बडी बाते करने वाले प्रदेष के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भले ही मामा बनकर वाहवाही लूट रहे हो। षासन द्वारा बेटी बचाओं योजना, लाडली लक्ष्मी योजनाऐं जैसी योजनाओं में करोडो रू खर्च करने की बात कहता है पर निचले स्तर पर बेटियों को दिनदहाडे जिंदा जलाने की वारदाते सामने आ रही है वही इस तरह की भांजियों के साथ करतूत के बाद न मामा का पता है और न ही सत्ता पक्ष के नेताओं का।
गढी में हुए मामले सत्ता पक्ष के विपक्ष दल कांग्रेस ने पूरे घटनाक्रम में किशोरी के परिजनों के साथ रहकर प्रषासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। प्रषासन की और से किषोरी के परिजनों को रेडक्रास से मात्र 3 हजार की राषि ही मिल सकी। वही कांग्रेस विधायक डा. प्रभुराम चैधरी 8 हजार की राषि ,तहसीलदार आलोक पारे ने स्वंय के वहन से 5 हजार, मंडी सदस्य नीरज शर्मा ने 5 हजार का राषि परिजनो को दी गई।
परिजनों ने सहायता राशि लेने से किया इंकार
इस पूरे घटनाक्रम में पीडित परिवार को भारी सदमा बैठा है। परिवार ने अपना संतुलन खो दिया है। घर में जयश्री को बडे ही लाड प्यार से पाला था। उसकी पढाई से लेकर हर जरूरी आवष्यकता की पूर्ति परिजन अपने गरीबी हाल में लकडी बेंचकर करते थे।
अपनी बेटी के साथ घटित हुई इस दर्दनाक घटना में किशोरी के पिता मुन्नालाल जाटव एवं माता केसर बाई के आंसू रूकने का नाम नही ले रहे है। मंगलवार को प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान किशोरी के पिता को जहां एक तरफ सभी उचित सहायता राशि देने की मांग कर रहे थे वही दूसरी और रोते बिलखते किषोरी के पिता ने किसी भी तरह की सहायता राषि लेने से इंकार करते हुए कहा कि यदि शासन प्रषासन उन्हे कोई सहायता देना चाहता है तो वे उनकी बेटी को मारने वाले दोषीयों को फांसी की सजा देने की बात कही।जिससे किसी भी बेटी के साथ इस तरह के मामले करने में लोग डरे। इतना कहते कहते परिजन बिलख बिलख कर राने लगे। माहौल काफी गमगीन होता चला गया। इस पूरे घटनाक्रम में प्रषासन ने परिजनों की हर संभव मदद करने का आष्वासन भी दिया।
कार्यक्रमों में लाखों औ बेटी की मौत की कीमत 3 हजार
प्रदेष सरकार के कार्यक्रमों में जहां प्रदेष स्तर के अधिकारी एवं सत्ता पक्ष के नेता वाहवाही लूटने के लिए प्रचार प्रसार एवं कार्यक्रमों को कराने के लिए लाखों रू पानी की तरह बहाते है वही दूसरी और गरीब मजदूर की बेटी की इज्जत तार तार होने के बाद उसे जिंदा जलाया जाता है। तथा प्रषासनिक तौर पर महज गरीब की मौत की कीमत 3 हजार रू आंकी जाती है। जिससे सरकार की गरीब हितैषी योजनओं का मजाक सामने आता हे।