मध्यप्रदेश कार्यसमिति 30 मई को जारी भाजपा सरकार की उपलब्धियों का प्रस्ताव

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मध्यप्रदेश बहुआयामी सम्भावनाओं का प्रदेश है। प्रकृति ने इसे अपने हाथों से सँवारा है। प्रदेश में उपजाऊ भूमि, हरे भरे वन, कलकल-छलछल बहती हुई जल सरिताऐं, खनिज सम्पदाओं का अथाह भण्डार एवं मेहनतकष मजदूर, किसान तथा नौजवानों की संपदा है। किन्तु वर्ष 2003 से पूर्व मध्यप्रदेष देष के सर्वाधिक पिछड़े राज्यों की सूची में शामिल था। इसका कारण मध्यप्रदेष की वृहद संभावनाओं का पूर्ववर्ती सरकारों ने सही नियोजन नहीं किया था।

प्रदेश में भाजपा के राज्य में विशेषकरण शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्रित्व काल में मध्यप्रदेष की प्राकृतिक एवं जनसंपदाओं का योजनावद्ध एवं समयवद्ध नियोजित दोहन करने के परिणाम स्वरूप आज मध्यप्रदेष भारत की सषक्त अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। वर्ष 2003 में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 27 हजार करोड़ रूपया का बजट प्रस्तुत किया था, किन्तु आज शिवराज सिंह नीत भाजपा सरकार देष की उन चुनिंदा सरकारों में शामिल है जो 1 लाख करोड़ रूपये से अधिक का बजट प्रस्तुत करती है। 

कांग्रेस मध्यप्रदेष में आगामी विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत भले ही प्रदेष भाजपा सरकार पर नाना प्रकार के आरोप आरोपित करें, किन्तु जब देष की लोकसभा में विकास के मुद्दे पर बहस होती है तो भारत के प्रधामंत्री डाॅ. मनमोहन सिंह जिनकी ख्याति एक अर्थषास्त्री के रूप में भी है, को भी यह स्वीकार करना पड़ता है कि इस देष के लिए सर्वाधिक उपयुक्त मध्यप्रदेष सरकार का विकास माडल है। 

मध्यप्रदेष सरकार ने विकास के लिए निर्धारित तीनों क्षेत्र (प्राथमिक-कृषि एवं प्रकृति आधारित, द्वितीयक-अधोसंरचना, तृतीयक-उद्योग धंधे एवं सेवा) के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाई है। देष के विकास के इतिहास में यह अभूतपूर्व चमत्कार है कि कल तक जिस प्रदेष का विकास की सूची में नामो निषान नहीं था, जो प्रदेष चारों तरफ से अनेक प्रांतों से घिरा हुआ पठारी प्रदेष है, जिस प्रदेष में सड़क और बिजली का अकाल था, उद्योग धंधे निरंतर प्रदेष से बाहर जा रहे थे, मानव संसाधन दर-दर भटक रहा था, वहीं प्रदेष आज देष के सर्वाधिक तेजी से विकसित होने का दावा कर रहा है। यह हमारे स्वप्नदर्षी, संवेदनषील मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की संकल्प शक्ति के कारण संभव हुआ है।

प्रदेष सरकार ने विकास कार्य एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से जो देष के समक्ष उदाहरण प्रस्तुत किया है उसमें मानवीय जीवन के विभिन्न पक्षों के प्रति गहन संवेदनषीलता प्रदर्षित होती है तथा सरकार के क्रियाकलापों में आमजन की भागीदारी परिलक्षित होती है। इसी का परिणाम है कि देष की विभिन्न राज्य सरकारें एवं अनेक राष्ट्रीय सरकारें मध्यप्रदेष सरकार की अनेक योजनाओं का अनुसरण कर रही हैं।

अधोसंरचना

मध्यप्रदेष ने अधोसंरचना के क्षेत्र में अभूतपूर्व कीर्तिमान स्थापित किया है। वर्ष 2003 से पूर्व प्रदेष बदहाल बिजली एवं सड़क के कारण पहचाना जाता था। सिंचाई का रकबा न्यून था। अनेक बड़ी, मध्यम एवं लघु सिंचाई परियोजनाऐं लंबित थी। किसान सिंचाई के लिए बिजली हेतु मोहताज था, ढेर सारी पेयजल की परियोजनाऐं या तो लंबित थी अथवा बंद थी। मध्यप्रदेष अधोसंरचना की दृष्टि से अराजकता का षिकार था। प्रदेष की बागडोर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के हाथों में आने के पश्चात् उन्होंने सबसे पहले अधोसंरचना के क्षेत्र को प्राथमिकता से सुधारने का काम किया। आज मध्यप्रदेष में 88 हजार कि.मी. नई सड़कें बन चुकी हैं, अनेक जिला प्रमुख मार्गा का उन्नयन राज्य मार्ग के रूप में किया गया है। 

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क के माध्यम से प्रदेष के समस्त गांवों को प्रमुख मार्ग से जोड़ दिया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में मध्यप्रदेष देष में अव्वल नम्बर पर है। गांवों के विभिन्न टोलो, मजरों को परस्पर जोड़ने हेतु अभिनव ‘‘मुख्यमंत्री सड़क योजना’’ लागू की गई है। गांवों की विभिन्न बस्तियों में आवागमन सुव्यवस्थित बनाने के लिए ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से ‘‘पंच परमेष्वर योजना’’ के तहत पक्की सीमेन्ट युक्त सड़कें बनाई गई है। प्रदेष सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों के संधारण पर भी 200 करोड़ रूपये से अधिक की राषि व्यय की है तथा विभिन्न केन्द्रीय परियोजनाओं के भू-अर्जन के लिए भी 250 करोड़ रूपये खर्च किए हैं। शहरी क्षेत्र विभिन्नि अधोसंरचना विकास के लिए ‘‘मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास की योजना के तहत 6 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।

प्रदेष में अघोषित बिजली कटौती के कलंक को मिटाने का संकल्प माननीय मुख्यमंत्री जी ने लिया था और अब उनका संकल्प ‘‘अटल ज्योति अभियान’’ के माध्यम से पूर्ण हो रहा है। आगामी 15 जून तक मध्यप्रदेष के समस्त जिलों के सभी गांवों में 24 घंटे बिजली उपलब्ध हो जायेगी। किसानों को सिंचाई हेतु भरपूर बिजली मिले इस हेतु प्रदेष के अंदर व्यापक फिडर विभक्तिकरण का कार्य किया गया है। प्रदेष के विभिन्न टोलो, मजरों में विद्युतिकरण हेतु ग्रामीण विद्युतिकरण योजना को साकार किया गया है। प्रदेष में निम्न बोल्टेज की समस्या को दूर करने के लिए वर्ष 2003 के 1.63 लाख ट्रांसफार्मरों के विरूद्ध अब तक 46.56 लाख ट्रांसफार्मर लगाये जा चुके हैं। प्रदेष के अंदर किसान एवं गरीब को बकाया बिजली बिल के बोझ से मुक्ति दिलाने हेतु समाधान और सुविधा योजना लागू की गई है। प्रदेष सरकार द्वारा किसानों को विद्युत नियामक आयोग द्वारा बढ़ाई गई बिजली की दरों के प्रभाव से बचाने के लिए 2200 करोड़ रूपये की सब्सिडी दी गई है। विगत 9 वर्षो में विद्युत उत्पादन क्षमता 5030 मे.वाॅ से बढ़कर अब 12 हजार मे.वाॅ हो गई है।

मध्यप्रदेष में पेयजल की समस्या को हल करने के लिए मुख्यमंत्री पेयजल योजना के तहत 11 हजार करोड़ रूपये का बजटीय प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री जी का संकल्प है कि हम मध्यप्रदेष की धरती पर सभी को स्वास्थ्य के मानकों के आधार पर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करायेंगे, इस दिषा में ठोस कदम सरकार ने उठाना प्रारंभ कर दिया है। पेयजल की समस्या के तत्कालिक निदान हेतु सरकार ने अब तक ......... हजार हेण्डपंपों का उत्खनन कराया है तथा अनेक पुराने तालाब, बावडि़या, कुंओं की साफ-सफाई एवं गहरीकरण का कार्य पूर्ण किया है। अब ग्रामीण बसाहटों में पेयजल व्यवस्था के क्षेत्र में मध्यप्रदेष देष में दूसरे स्थान पर है।

प्रदेष में भाजपा सरकार से पूर्व सिंचाई क्षेत्र की हालत अत्यंत दयनीय थी, प्रदेष में मात्र 7.5 लाख हेक्टेयर ही जमीन सिंचिंत थी। बाणसागर जैसी बहुउद्देषीय परियोजनाऐं लंबे समय से लंबित थी, अनेक मध्यम एवं लघु परियोजनाऐं भी अपूर्ण थी। मध्यप्रदेष का सर्वाधिक उपजाऊ क्षेत्र मालवा पर रेगिस्तान होने का संकट मंडरा रहा था। प्रदेष भाजपा सरकार ने बाणसागर बहुउद्देषीय परियोजना को रिकार्ड समय के अंदर पूर्ण कराकर देष को लोकार्पित किया, जिसका परिणाम है कि आज उसके माध्यम से समुचे विंध्य में सिंचाई को रकबा कई गुणा बढ़ गया है और आने वाले दिनों में यदि विंध्य गेहूं, धान और दलहन के उत्पादन में पंजाब और हरियाणा से मुकाबाला करते हुए दिखाई दे, तो कोई आष्चर्य नहीं होना चाहिए। सम्पूर्ण मध्यप्रदेष में लंबित मध्य एवं लघु सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण करके सिंचाई का रकबा प्रदेष सरकार ने बढ़ाकर 25 लाख हेक्टेयर कर दिया है। पुण्य प्रवाहिनी माँ नर्मदा के जल को ‘‘नर्मदा-क्षिप्रा लिंक परियोजना’’ के माध्यम से मालवा की चार प्रमुख नदियों (क्षिप्रा-गंभीर-पार्वती-कालीसिंध) में प्रवाहित करके इस क्षेत्र के रेगिस्तान बनने के संकट को समाप्त कर दिया है। इस परियोजना से 150 गांवों की पेयजल आवष्यकता तत्काल पूरी होगी। इंदौर और उज्जैन जैसे महानगरों का पेयजल संकट समाप्त होगा, इसके अतिरिक्त 70 शहर और कस्बे एवं 3 हजार ग्रामों को पेयजल उपलब्ध होगा। इसके माध्यम से 16 लाख एकड़ में सिंचाई होगी। इस योजना का प्रथम चरण हेतु 482 करोड़ रूपया राज्य सरकार ने आवंटित कर दिया है। जिसके माध्यम से नर्मदा-क्षिप्रा को जोड़ने का प्रथम चरण युद्ध स्तर पर प्रारंभ हो गया है। सिंचाई के क्षेत्र में प्रदेष सरकार की उपलब्धियों को  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी स्वीकार करने पर मजबूर हुए हैं। प्रदेष की विधानसभा में हमारे जल संसाधन मंत्री को विपक्षी बेंचो से भी इस हेतु बधाईयां प्राप्त हुई है।

जनकल्याणकारी योजनाऐं

लोकतंत्र में जनता की भागीदारी सरकार के निर्णयों में हो, यह अत्यंत आवष्यक है, इसके माध्यम से ही लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा मूर्त रूप लेती है। मध्यप्रदेष के मुखिया श्री षिवराज सिंह चैहान ने प्रदेष को लोक कल्याणकारी राज्य के रूप में स्थापित करने हेतु समाज के विभिन्न वर्गों की आवष्यकता एवं समस्या को चिन्हित करने के लिए विभिन्न पंचायतों के आयोजन की अनूठी पहल की है। अभी तक प्रदेष में 29 विभिन्न सामाजिक वर्गों की पंचायतें आयोजित की जा चुकी है। इन पंचायतों के माध्यम से अनेक लोक कल्याणकारी योजनाओं का अभ्युदय हुआ है। प्रदेष सरकार की ‘‘लाड़ली लक्ष्मी’’ जैसी अद्भुत योजना का अनुसरण आज देष की दूसरी राज्य सरकारें कर रही है। 

लाड़ली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, गांव की बेटी, बिटिया को पठ्न-पाठन के लिए पुस्तकें, साईकिल एवं गणवेष उपलब्ध कराकर, बहनों को स्थानीय संस्थाओं में 50 प्रतिषत आरक्षण देकर, ऐसे अभिभावक जिनके केवल पुत्रियां ही है उनके लिए मुख्यमंत्री अभिभावक पैंषन योजना लागू कर, कन्या भू्रण की हत्या रोकने के लिए ‘‘बेटी बचाओ अभियान’’ संचालित कर प्रदेष के अंदर नारी शक्ति के सषक्तिकरण पर सरकार ने बल दिया है। महिलाओं के विरूद्ध अपराधों के रोकथाम के लिए एवं अपराधियों को त्वरित दंडित करने के लिए फास्ट ट्रेेक कोर्ट सहित अनेक कानूनी प्रावधान लागू करने वाला मध्यप्रदेष देष का प्रथम राज्य है। प्रदेष के बुजुर्गों के लिए ‘‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्षन योजना’’ लागू करने वाला मध्यप्रदेष दुनिया का एकमात्र राज्य है। 

मुख्यमंत्री हाथठेला कल्याण योजना, मुख्यमंत्री साईकिल रिक्षा चालक योजना, मुख्यमंत्री खेतिहर-मजदूर सुरक्षा योजना, संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की योजनाओं के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी ने प्रदेष के समस्त गरीब एवं कामगारों को सरकार का संरक्षण एवं उनके परिवार को आश्रय उपलब्ध कराया है। मध्यप्रदेष मनरेगा में देष के अंदर तीसरे स्थान पर है। प्रदेष सरकार की विभिन्न योजनाओं के कारण प्रदेष के अंदर गरीबों की गरीबी 12 प्रतिषत घटी है। प्रदेष के 13 लाख परिवार गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं। प्रदेष के सामान्य वर्ग के निर्धनों को भी सहायता प्रदान करने हेतु ‘‘सामान्य वर्ग निर्धन आयोग’’ का गठन किया गया है। प्रदेष में षिषुओं को संस्कार प्रदान करने के लिए एवं धात्री महिलाओं के मार्गदर्षन हेतु 50 हजार नई आंगनबाडि़यां स्थापित कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती की गई है। इन आंगनबाडि़यों में मंगल दिवस जैसी लोकप्रिय योजनाऐं संचालित की जाती है। 

प्रदेष के वरिष्ठ नागरिकों की देखरेख, पुर्नवास तथा सुरक्षा जैसे विषयों के दृष्टिगत वरिष्ठ नागरिक आयोग का गठन किया गया है। प्रदेष के निःषक्तों की पहचान कर उनके पुर्नवास हेतु स्पर्ष अभियान संचालित किया गया था, यह देष में अपनी तरह का अनोखा कार्यक्रम था। प्रदेष की कामकाजी महिलाओं का पंजीयन कर उनके जीवन को सुरक्षित बनाने हेतु अनेक योजनाऐं लागू की गई है। वनक्षेत्र में बसे हुए वनवासियों को सर्वाधिक भू-अधिकार मध्यप्रदेष में दिया गया है। आगामी जून माह में ‘‘अन्त्योदय अन्नपूर्णा योजना’’ के माध्यम से प्रदेष के गरीबों को 1 रूपया किलो गेहूं, 2 रूपया किलो चावल व 1 रूपया किलो आयोडीनयुक्त नमक प्रदान किया जायेगा। गरीबों को उनके निवास स्थल का पट्टा प्रदान करने का व्यापक अभियान प्रदेष सरकार संचालित कर ही है। प्रदेष के बहु विकलांग निःषक्तजन को 500 रूपये की मासिक सहायता प्रदेष सरकार दे रही है। प्रदेष सरकार ने श्रमिक पुत्रियों की विवाह सहायता का विस्तार कर अब 2 की जगह 3 पुत्रियों पर इस योजना का लाभ देने का निर्णय किया है। प्रदेष में गरीबों को सस्ता पक्का मकान बनाने के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत सहायता प्रदान की जा रही है।

मध्यप्रदेष में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार एक चुनौती था। किन्तु प्रदेष सरकार ने पहले दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना के माध्यम से और अब सरदार बल्लभभाई पटेल निःषुल्क औषधि वितरण योजना के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। मध्यप्रदेष के अंदर सैकड़ों स्वास्थ्य केन्द्रांे का उन्नयन किया गया है। प्रदेष में 45 तरह की पैथालाॅजिकल जांच शासकीय अस्पतालों में निःषुल्क की जा रही है। प्रदेष के प्रत्येक गांव में ग्राम आरोग्य केन्द्र की स्थापना की गई है। 148 गांवों में नये आयुष औषधालय स्थापित किए गए हैं। जननी सुरक्षा योजना के तहत लाखों महिलाऐं लाभांवित हुई है। वनवासी अंचलों में दीनदयाल चलित अस्पताल योजना के माध्यम से करोड़ों वनवासियों को लाभ मिला है। जननी एक्सप्रेस निरंतर प्रसूता को निकटवर्ती अस्पताल लाने ले जाने का कार्य कर रही है। राज्य बीमारी सहायता निधि एवं मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान के माध्यम से गंभीर बीमारियों से ग्रसित अनेकों नागरिकों को लाभ मिला है और वे असमय काल के ग्रास बनने से बच गये हैं। प्रदेष सरकार ने ‘‘अटल बाल हृदय उपचार योजना’’ के माध्यम से प्रदेष के अनेक बच्चों के हृदय का उपचार कराया है। प्रदेष मेें आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा 108 लागू करके प्रदेष के नागरिकों को आपात अवसर पर एक बहुत बड़ी मदद प्रदान की है। प्रदेष सरकार के प्रयासों से विगत 10 सालों में षिषु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर में भारी गिरावट आई है। संस्थागत प्रसव 26 प्रतिषत से बढ़कर लगभग 85 प्रतिषत हो गया है।

विगत वर्षों में प्रदेष सरकार ने 7 शासकीय विष्वविद्यालय, 11 निजी विष्वविद्यालय, 43 शासकीय महाविद्यालय, 2 मेडिकल कालेज, 1 कृषि कालेज, 527 निजी एवं शासकीय तकनीकि महाविद्यालय, 255 आई.टी.आई. एवं हर विकासखंड में कौषल उन्नयन केन्द्र प्रारंभ किया है। प्रदेष में 83.4 हजार प्राथमिक शालाऐं, 28.4 हजार माध्यमिक शालाऐं संचालित हैं। शहडोल एवं झाबुआ जैसे आदिवासी जिले में प्रदेष सरकार द्वारा इंजीनियरिंग काॅलेज खोले गये हैं। विदेषों में उच्च षिक्षा प्राप्त करने के लिए विदेष अध्ययन छात्रवृत्ति योजना प्रारंभ की है। अब शासकीय स्कूलों में जाने वाले बालकों को भी निःषुल्क साईकिलें एवं गणवेष दिया जा रहा है। मध्यप्रदेष में विद्यार्थियांे के कल्याण के लिए 50 करोड़ की राषि से षिक्षा कोष गठित किया गया है। 5 लाख तक वार्षिक आय वालों को ब्याज मुक्त ऋण उच्च षिक्षा ऋण गारंटी योजना से प्रदाय किया जा रहा है। प्रदेष मेे उच्च षिक्षा में सुधार के लिए 1 हजार करोड़ की विष्व बैंक परियोजना लागू की गई है। षिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों में दाखिला लेने वाले कमजोर और वंचित समूह के बच्चों का षिक्षण शुल्क प्रदेष सरकार प्रदान कर रही है। प्रदेष में कमजोर आय वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के बच्चों के उत्तम अध्ययन अध्यापन के लिए भोपाल में आवासीय विद्यालय की परिकल्पना आकार ले रही है जिससे इस वर्ग के बच्चे भी उच्च शासकीय सेवाओं में स्थान प्राप्त कर सकें।

प्रदेष में एक समय उद्योग धंधों के लिए प्रतिकूल था। 2003 के पूर्व हमारी औधोगिक विकास दर निरंतर अधोगामी थी। किन्तु भाजपा सरकार आने के पश्चात् प्रदेष में औधोगिक निवेष में तेजी आई देष के कुल औधोगिक निवेष में प्रदेष की हिस्सेदारी बढ़कर 4 प्रतिषत हो गई और अब औधोगिक निवेष की दृष्टि से मध्यप्रदेष देष का पांचवें क्रम का राज्य बन चुका है। अब तक प्रदेष सरकार द्वारा 6 निवेषक सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं। जिसमें 7,36,955 करोड़ रूपये के 487 एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किए गये है। इन प्रस्तावों में से 3.03 लाख करोड़ के प्रस्तावों पर निर्माण जारी है। 21.329 करोड़ के 45 उद्योगों में उत्पादन शुरू हो चुका है। इन उद्योगों में मध्यप्रदेष के स्थानीय निवासियों को क्रमषः 50 प्रतिषत, 80 प्रतिषत रोजगार प्रदान करने पर विषेष रियायत का ऐलान प्रदेष सरकार ने किया है। स्थानीय निवासियों को उद्योगों की आवष्यकता के अनुसार प्रषिक्षित करने के लिए प्रत्येक विकासखंड में आई.टी.आई. एवं कौषल उन्नयन केन्द्र स्थापित किए गए हैं। 

मध्यप्रदेष में पहली बार रोजगारोन्मुख प्रषिक्षण नीति लागू की गई, जिसमें बीपीएल सदस्यों का सम्पूर्ण व्यय मध्यप्रदेष सरकार वहन कर रही है। जबलपुर से सिंगरौली इंडस्ट्रीयल काॅरिडोर घोषित किया गया है। देष का पहला ग्रामीण बिजनेस हव सेल इंदौर में प्रारंभ हुआ है। प्रदेष के युवाओं को भी उद्योग जगत में प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के माध्यम से 25 लाख रूपये तक के उद्योगों के लिए 5 प्रतिषत ब्याज अनुदान तथा 100 प्रतिषत बैंक गारंटी सरकार दे रही है। निर्माण के क्षेत्र में युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री युवा काॅनटेªक्टर योजना प्रारंभ की गई है। इंदौर में सरकार ने आई.टी. पार्क की शुरूआत की है इसके माध्यम से आने वाले दिनों में प्रदेष के आई.टी. क्षेत्र में 1 लाख से अधिक रोजगार के अवसर निर्मित होंगे।

कृषि:- देष के अंदर रोजगार एवं जीवन जीने के संघर्ष का सर्वाधिक बोझ कृषि क्षेत्र पर है। किन्तु देष की विभिन्न सरकारों में सर्वाधिक उपेक्षित कृषि एवं कृषक रहे हैं। मध्यप्रदेष के मुख्यमंत्री जी ने खेती को लाभ का धंधा बनाने का संकल्प लिया है। जिसका परिणाम है कि आज मध्यप्रदेष देष के सर्वाधिक तेजी से उभरती हुई कृषि ताकत है। प्रदेष की कृषि विकास दर लगभग 19 प्रतिषत है। जिसको जानकर बड़े-बड़े कृषि पंडित एवं अर्थषास्त्री दांतों तले उंगली दबा लेते हैं। प्रदेष में विगत वर्ष 85 लाख मेट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया था जो देष में पंजाब और हरियाणा के बाद सर्वाधिक था। धान का उपार्जन 9.4 लाख मेट्रिक टन था। सोयाबीन के उत्पादन में मध्यप्रदेष देष में प्रथम है। आज मध्यप्रदेष सरकार प्रदेष के किसानों का 1500 रू. प्रति क्विंटल गेहूं खरीद रही है एवं धान पर 100 रू. प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर बोनस दे रही है। इसके अतिरिक्त दुग्ध उत्पादन एवं मत्स्य उत्पादन में मध्यप्रदेष का उत्पादन राष्ट्रीय उत्पादन से लगभग 2 गुणा है। फल-फूल, सब्जी उत्पादन का क्षेत्रफल भी मध्यप्रदेष में 3 गुणा बढ़ गया है। कृषि क्षेत्र में यह उपलब्धियां हासिल करने के उपलक्ष्य में प्रदेष सरकार को वर्ष 2012-13 का ‘‘कृषि कर्मण पुरस्कार’’ प्राप्त हुआ था। प्रदेष में यह कृषि क्रांति मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के सपनों के कारण संभव हुई है। 

प्रदेष सरकार ने विगत 7 वर्षों में कृषि ब्याज दर निरंतर शनैः शनैः घटाकर 0 प्रतिषत किया है। किसानों को फसल ऋण की राषि में निरंतर बढ़ोत्तरी की है। खेती को संरक्षण देने के लिए एवं प्रषासनिक मकड़ जाल से मुक्त कराने हेतु त्वरित निर्णय लेने के लिए कृषि केबिनेट का गठन किया। किसानों की फसलों एवं पशुओं को ओला, पाला, अतिवृष्टि, अनावृष्टि से संरक्षण देने के लिए राजस्व पुस्तिका परिपत्र में व्यापक संषोधन किया है। जहां पर नहरें नहीं पहुंची है वहां पर खेत तालाब, बलराम ताल जैसी योजनाओं को लागू किया एवं किसानों को स्वयं की सिंचाई सुविधा तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु टियूबवेल उत्खनन एवं 40 हजार रूपये का अनुदान प्रदान करने की योजना बनाई। खेत तालाब बनाने पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं गरीबी रेखा में सम्मिलित किसानों को 100 प्रतिषत अनुदान प्रदान किया गया है। किसानों की फसलों के बीमा के लिए तहसील के स्थान पर पटवारी हल्का को ईकाई बनाया है। किसानों की दुर्घटना या असामयिक मृत्यु होने पर 1 लाख रूपये की राषि प्रदान की जा रही है। वन प्राणियों से जन तथा पशु पक्षियों की क्षति होने पर क्षतिपूर्ति राषि में भारी वृद्धि की गई है। किसानों के लंबित बिजली बिल के निराकरण हेतु समाधान योजना लागू की गई है, जिसके माध्यम से बिजली बिल की राषि में भारी राहत प्रदान की गई है। 

बिजली के बिल का भुगतान प्रतिमास करने की बजाय अब साल में केवल दो बार और वह भी 1200 सौ रूपये प्रति हाॅ.पा. की दर से करने की सुविधा किसानों को दी गई है। केन्द्र सरकार ओला एवं पाला से 50 प्रतिषत से कम क्षति होने पर कोई राहत नहीं प्रदान करती है किन्तु मध्यप्रदेष सरकार अपने खजाने से 25 प्रतिषत से ज्यादा नुकसान होने पर भी किसानों को सहायता राषि उपलब्ध कराती है। प्रदेष के मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह चैहान के प्रयासों से ही राष्ट्रीय स्तर पर पाला को प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में शामिल किया गया है। मध्यप्रदेष में विभिन्न कृषि उपकरणों पर 40 से लेकर 80 प्रतिषत तक अनुदान दिया जा रहा है। किसानों को समय पर समुचित खाद उचित दाम पर प्राप्त हो, इसके लिए मध्यप्रदेष सरकार समय-समय पर उचित कदम उठाती रही है। प्रदेष के पान उत्पादक कृषकों को प्रदेष सरकार 75 प्रतिषत अनुदान की राषि दे रही है। विष्व में कृषि के क्षेत्र में हो रही प्रगति से किसानों को अवगत कराने के लिए प्रदेष सरकार ने प्रदेष के किसानों को मुख्यमंत्री किसान अध्ययन यात्रा के तहत विदेष भेजने का निर्णय किया है। 

मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों की राजस्व संबंधी अनेक तकलीफों को देखते हुए विगत 9 वर्षों में 30 से अधिक नवीन तहसीलों का गठन भी किया है। प्रदेष सरकार ने देष का पहला गौ-अभ्यारण शाजापुर जिले के सलारिया गांव में स्थापित किया है। प्रदेष में सर्वाधिक दुध देने वाली गायों के पालकों को गोपाल पुरस्कार दिया जाता है। मध्यप्रदेष में वनवासी अंचलों में तेन्दूपत्ता संग्रहण करने वाले मजदूरों को अब 950 रूपया प्रति मानक बोरा मजदूरी दी जाती है तथा नियमित रूप से प्रतिवर्ष तेन्दूपत्ता विक्रय के पश्चात् मजदूरों को लाभांष वितरित किया जाता है। वनवासी अंचल के भाईयों को शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए प्रदेष में समस्त वनोपज का सरकार ने समर्थन मूल्य घोषित किया है तथा सरकार का वन विभाग वनवासी अंचल में समर्थन मूल्य पर वनोपज की खरीददारी करता है। देष में केवल मध्यप्रदेष सरकार ही यह कार्य करती है। मध्यप्रदेष सरकार ने बसोर जाति के विकास के लिए मध्यप्रदेष बांस विकास बोर्ड का भी गठन किया है।

मध्यप्रदेष ने देष में साम्प्रदायिक एवं सामाजिक सद्भाव के क्षेत्र में मिसाल कायम की है। विगत 9 वर्षों के शासनकाल में ऐसा कोई अवसर नहीं आया है कि प्रदेष के सामाजिक एवं साम्प्रदायिक सौहार्द को ठेस लगे। भाजपा सरकार ने अपनी नीतियों, कार्यक्रमों एवं निष्पक्षता से सभी धर्मावलंबियों का दिल जीता है। मध्यप्रदेष में यदि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना लागू है तो मुख्यमंत्री निकाह योजना भी लागू है। प्रदेष में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्षन योजना में अजमेर शरीफ, स्वर्ण मंदिर एवं ईसाई समुदाय के लिए सेंट थाॅमस चर्च को भी शामिल किया गया है। जियारत के लिए मक्का मदीना जाने वाले मुस्लिम धर्मावलंबियों की सुविधा के लिए विषाल हज हाऊस की बुनियाद रखी गई है। 

अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के वितरण में भी मध्यप्रदेष आज देष में पहले स्थान पर है। अल्पसंख्यकों के कल्याण का बजट 2.35 करोड़ रूपये से बढ़कर 41.59 करोड़ रूपया हो गया है। मध्यप्रदेष सरकार को अल्पसंख्यक वर्ग की प्रमुख हस्तियों के नाम पर प्रतिभाओं को सम्मानित करने की पहल को भी राष्ट्रीय स्तर पर प्रषंसा मिली है। प्रदेष की वक्फ संपत्त्यिों का कम्प्युट्रीकरण किया गया है। प्रदेष में बौद्ध समुदाय की भावनाओं के देखते हुए प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ स्थल सांची में विष्व के एकमात्र बौद्ध विष्वविद्यालय की स्थापना की गई है। प्रदेष की विभिन्न योजनाओं में साम्प्रदायिक आधार पर कोई भेद नहीं रखा गया है।

प्रदेष भाजपा सरकार ने सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय धरोहरों की स्मृति अक्षुण्य बनाये रखने के लिए भी ठोस उपाय किए हैं। प्रदेष में गौवंष वध पर प्रतिबंध है। प्रदेष सरकार द्वारा श्रीलंका की अषोक वाटिका में जहां सीता मैया को कैद रखा गया था, वहां पर माँ सीता का विषाल भव्य मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। देष के विभिन्न तीर्थ स्थलों पर मध्यप्रदेष के निवासियों को आवष्यक सुख-सुविधाऐं उपलब्ध कराने के लिए प्रदेष सरकार सर्व सुविधायुक्त यात्री निवासों का निर्माण करा रही है। प्रदेष के नौजवानों में राष्ट्र भक्ति एवं राष्ट्र प्रेम की भावना जागृत करने के लिए युवाओं को भारतीय सीमाओं के दर्षन कराने का कार्यक्रम ‘‘माँ तुझे प्रणाम’’ लेकर प्रदेष सरकार आई है। प्रदेष की राजधानी भोपाल में भारत की वीर सपूतों की स्मृति को चिरंतन बनाये रखने के लिए भव्य शौर्य स्मारक बनाया जा रहा है। हाल में ही सीमा पर शहीद हुए वीर सुधाकर की स्मृति में उनके गांव में भव्य द्वार एवं वीर स्मारक का निर्माण हो रहा है। प्रदेष सरकार ने अपने लोक नायकों की स्मृति को अक्षुण्य बनायें रखने के लिए शहीद टंट्या मामा, भीमा नायक, रघुनाथ शाह, शंकर शाह, रानी दुर्गावती तथा महू में डाॅ. भीमराव अम्बेडकर के प्रतिमा एवं स्मारक निर्माण किए हैं।

मध्यप्रदेष में प्रदेष के नागरिकों को बेहतर जन सुविधाऐं समयवद्ध कार्यक्रम के अनुसार प्राप्त हो, इस हेतु प्रदेष सरकार ने सुषासन पर भी जोर दिया है। लोक सेवा गांरटी अधिनियम इस दिषा में प्रदेष सरकार का सबसे प्रमुख एवं ठोस कार्यक्रम है। मध्यप्रदेष में समस्त भू-अभिलेख डाटाबेस तैयार किया गया है। अब किसानों को खसरे और बी-1 की नकल कम्प्यूटर के माध्यम से प्राप्त होती है। प्रदेष के 3 लाख शासकीय सेवकों की संपत्ति का ब्यौरा भी आॅनलाईन है और शासकीय सेवकों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना अनिवार्य करने वाला मध्यप्रदेष देष का पहला राज्य है और अब अन्य राज्य भी इसका अनुकरण कर रहे हैं। भ्रष्टाचार के मामलों के त्वरित निराकरण के लिए भ्रष्टाचार विरोधी विषेष न्यायालय अधिनियम तथा मामले की सुनवाई के लिए विषेष अदालतों का गठन किया गया है। भ्रष्ट तरीके से अर्जित की गई संपत्ति भी राजसात करने का प्रावधान किया गया है। देष में पहली बार किसान एवं अन्य योजनाओं के हितग्राहियों को भुगतान सीधे चेक के माध्यम से उनके खातों में प्रदेष सरकार द्वारा दिया जा रहा है। समय-समय पर प्रदेष के अंदर विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए अंत्योदय मेला, लोक कल्याण षिविर का आयोजन किया जाता है। लोगांे की पहंुच प्रषासन तक हो तथा उनकी सुनवाई हो, इसलिए जन सुनवाई, समाधान आनलाईन, समाधान एक दिन में जैसे कार्यक्रम लागू किए गए हैं।

देष के इतिहास में पहली बार पंचायत प्रतिनिधियों (ग्राम पंचायत के पंच से लेकर, जिला पंचायत अध्यक्ष तक) के वित्तीय अधिकार में बढ़ोत्तरी की गई है। ग्राम पंचायत के पंच को पहली बार किसी राज्य सरकार द्वारा मानदेय दिया जा रहा है। हर ग्राम पंचायत को ई-पंचायत बनाने के लिए 1 लाख रूपये दिए गए हैं। पंचायत की अनावद्ध राषि 10 प्रतिषत से बढ़ाकर 20 प्रतिषत किया गया है। हर ग्राम पंचायत को एक पृथक से लेखा अधिकारी दिया जा रहा है। पंचायत सचिवों के लिए मृत्यु अनुग्रह अनुदान योजना लागू की गई है, जिसमें असामयिक मृत्यु होने पर 1 लाख रूपये की सहायता की जाती है। पंचायत सचिवों का नियमितिकरण किया गया है। मनरेगा कार्य के रिकार्ड संधारण हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक की नियुक्ति की गई है। प्रदेष के निःषक्त कर्मचारियों को 10 दिन का अतिरिक्त विषेष आकस्मिक अवकाष दिया है। संविदा शाला षिक्षकों को भी मातृत्व एवं पितृत्व अवकाष प्रदान किया है। नर्सिंग कर्मचारी अधिकारियों की सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष कर दी गई है। चतुर्थ श्रेणी एवं दैनिक वेतन कर्मचारियों की सेवानिवृत्त आयु 62 वर्ष कर दी गई है। प्रदेष के अध्यापक संवर्ग के वेतनमान में वृद्धि प्रस्तावित है। प्रदेष के समस्त कर्मचारियों के वेतनमान में छठें वेतन आयोग के आधार पर वृद्धि की गई तथा वर्षों से लंबित  उन्हें पदोन्नति प्रदान की गई।

हमारे मुख्यमंत्री का संकल्प है कि मध्यप्रदेष को स्वर्णिम मध्यप्रदेष बनायेंगे।  मध्यप्रदेष विकास के विभिन्न सौंपानो पर बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज मध्यप्रदेष की विकास दर 11.98 प्रतिषत हो चुकी है जो कांग्रेस के राज्य में -4 प्रतिषत थी। प्रदेष का आयोजना व्यय 2003 के 5.7 करोड़ रूपये से बढ़कर 31.7 हजार करोड़ रूपया हो चुका है। सकल घरेलू उत्पाद 1 लाख करोड़ रूपये से बढ़कर 3.15 लाख करोड़ रूपया हो गया है।  मध्यप्रदेष वेयर हाउसिंग एण्ड लाॅजिस्टिक पाॅलिसी बनाने वाला देष का पहला राज्य है। मध्यप्रदेष का वन विभाग सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सर्वोच्च है। प्रदेष को ई-भुगतान के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए गोल्ड अवार्ड स्टेट आॅफ द ईयर दिया गया है। ई-उपार्जन और ई-षासन के लिए भी प्रदेष सरकार पुरस्कृत की गई है। मध्यप्रदेष को इस्पोच डिजीटल इनक्लूजन अवार्ड, बेस्ट साईवर काॅफ आॅफ इंडिया अवार्ड, बेस्ट स्टेट टूरिस्ज्म बोर्ड आॅंफ इंडिया अवार्ड, पेनासानिक ग्रीन ग्लोब अवार्ड, एग्रीकल्चरर लीडरषीप अवार्ड जैसे अनेक पुरस्कार दिए गए हैं। 21 लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों का पंजीयन कराने वाला मध्यप्रदेष देष का पहला राज्य है। माननीय मुख्यमंत्री जी को राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह चैहान जी को विकास पुरूष की संज्ञा दी गई है।
मध्यप्रदेष स्वर्णिम प्रदेष बने, इसके लिए माननीय मुख्यमंत्री जी ने आव्हान किया है कि ‘‘आओ बनाये अपना मध्यप्रदेष’’ और अब विकास के आकाष पर स्वर्णिम मध्यप्रदेष की स्वर्णिम किरणें बिखरने लगी हैं। मध्यप्रदेष निर्माण की इस नवीन गाथा में प्रदेष के सभी स्त्री-पुरूष, मजदूर, किसान, नौजवान, उद्योगपति, व्यापारी, कर्मचारी एवं सर्वसाधारण को योगदान देना होगा। प्रदेष भारतीय जनता पार्टी कार्यसमिति राष्ट्र पुरूष अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्म भूमि स्वर्गीय राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी की कर्मभूमि एवं प्रत्येक भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता की प्रेरणा एकात्म मानव दर्षन के लोकापर्ण की भूमि पर आयोजित इस कार्यसमिति की बैठक के माध्यम से आव्हान करती है कि प्रदेष को विकास के पथ पर तीव्रगामी बनाने के लिए प्रदेष के जन-जन के कल्याण के लिए सभी अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें, जिससे हम न केवल मध्यप्रदेष को स्वर्णिम मध्यप्रदेष बना सके, अपितु भारत माता के चरणों में भी सेवा के पुष्प अर्पित कर सकें।

जय हिन्द - जय मध्यप्रदेष।

मध्यप्रदेश कार्यसमिति 30 मई को जारी भाजपा सरकार की उपलब्धियों का प्रस्ताव शब्दश: वैसा ही प्रकाशित किया गया जैसा कि भाजपा मीडिया सेंटर द्वारा प्रेषित किया गया। 

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