भोपाल। राज्य सिविल सेवा के तृतीय श्रेणी (कार्यपालन) शासकीय सेवक की विभागीय जाँच के लिये निर्धारित वर्तमान मानदेय रुपये 1500 के स्थान पर अब 3000 रुपये एवं तृतीय श्रेणी (अकार्यपालन) तथा चतुर्थ श्रेणी शासकीय सेवकों की जाँच के लिये रुपये 1000 के स्थान पर अब रुपये 2000 प्रति प्रकरण सेवानिवृत्त जाँच अधिकारी को मानदेय दिया जायेगा।
राज्य शासन ने शासकीय सेवकों के विरुद्ध विभागीय जाँच प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समय-सीमा में किया जा सके, इसके लिये सेवानिवृत्त अधिकारियों के पेनल में से विभागीय जाँच के लिये नियुक्त जाँच अधिकारी के मानदेय में वृद्धि का निर्णय लिया है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में सभी विभाग, अध्यक्ष राजस्व मण्डल, संभागायुक्त, विभागाध्यक्ष, कलेक्टर और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को भेजे परिपत्र में शासकीय सेवकों के विभागीय जाँच प्रकरण का निराकरण समय-सीमा में सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किये हैं।
अखिल भारतीय सेवा, राज्य प्रशासनिक सेवा, राज्य सिविल सेवा, राज्य पुलिस सेवा एवं राज्य वन सेवा के अधिकारी से संबंधित विभागीय जाँच प्रकरण के निराकरण के लिये सेवानिवृत्त अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी को प्रति प्रकरण 15 हजार एकमुश्त तथा सचिवालयीन सहायक के लिये 5000 रुपये मानदेय देने के निर्देश जारी किये गये हैं।
निर्देशों में कहा गया है कि राज्य सिविल सेवा के प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी शासकीय सेवक की विभागीय जाँच सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी से करवाई जा सकती है। तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के शासकीय सेवक के मामलों में विभागीय जाँच राज्य सेवा के सेवानिवृत्त प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारी से करवाई जा सकती है।