खरगोन। मुख्यमंत्री के दौरे से ठीक चार दिन पूर्व खारक बांध परियोजना पर मुआवजे की मांग कर रहे आदिवासीयों पर पुलिस प्रशासन ने जमकर लाठिया चलाई उन्हे जबरन बल पूर्वक वहां से खदेड दिया। बांध स्थल को प्रशासन ने छावनी में बदल दिया यहा-वहा चारों और पलिस हि पुलिस नजर आ रही है।
उक्त जानकारी देते हुए जिला कांग्रेस प्रवक्ता रवि नाईक ने बताया कि इस दौरान मासूम बच्चों और महिलाओं को भी नही छोडा। पांचवी में पढने वाली छात्रा काली गंगाराम और सांतवी में पढने वाली फुली गंगाराम ने रविनाईक को बताया कि उन्हे भी पुलिस वालों ने मारा पीटा और उनके पिताजी को पुलिस पकडकर ले गई है। प्रातः 10-11 बजे के अंतराल में भारी पुलिस बल के साथ अधिकारी बांध स्थ्ल पर पुहचे और बिना किसी चेतावनी के लाठी चार्ज कर दिया।
बांध स्थल का दौरा कर कांग्रेस नेताओ ने आरोप लगाया है कि विगत दो माह से मुआवजे की मांग को लेकर अहिंसक आंदोलन चला रहे इन आदिवासीयों को मुख्यमंत्री के दौरे के ठीक पहले इस प्रकार बल पूर्वक हटाना सरकार की तानाशाही प्रव्रत्ती को दर्शाता है। निहत्थे आदिवासीयों पर इस प्रकार की कारवाई अमानवीय है। उनकी समस्या का समाधान करने के बजाय उन पर लाठिया बरसाई गई जिसमें कई आदिवासी पुरुष, महिला एवं बच्चे घायल हुए। आदिवासी नेता बलीराम सिसोदिया ने बताया कि वे पिछले कई दिनों से इन आदिवासीयों और प्रशासन के बीच सुलह कराने का प्रयास कर रहे थे। प्रशासन की इस कारवाई से मामला और बिगड गया है।
पुलिस द्वारा पकडे गये 20 पुरूष और 7 महिलाओं में अनेक ऐसे लोग भी है जिन्हे पुलिस ने रास्ते में से जबरन पकड लिया। शिवराज कनासे ने घटना स्थल पर पहुचे कांग्रेस नेताओं को बताया कि पुलिस ने बेरहमी से महिलाओं और बच्चों तक को पीटा और उठा-उठा कर गाडियों में फेका। बंषा बाई ने बताया कि उसका 6 माह का बच्चा घर पर ही है और उसे पुलिस जबरन उठा लाई।