विवाहिता से गैंगरेप करने वालों को 10 साल की कैद

सीहोर। एक विवाहिता के साथ गैंगरेप कर उसका एमएमएस बनाकर मोबाइल पर जारी करने वाले तीनों आरोपियों को दस वर्ष का सश्रम कारावास और एक हजार रुपए के अर्थदंड से विशेष न्यायाधीश श्री दिलीपकुमार मिश्र द्वारा दंडित किया गया है।

अभियोजन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक अनिल शर्मा द्वारा पैरवी की गई। अभियोजन के अनुसार इछावर थानान्र्तगत ग्राम सेवदा निवासी कमल आत्मज हमीर सिंह वर्मा, ग्राम तिलावद निवासी मनोहर लाल आत्मज हजारीलाल वर्मा, धामन्दा निवासी विष्णु आत्मज रामचरण वर्मा द्वारा  2 अगस्त 12 रक्षाबंधन के दस दिन पहले शाम चार बजे गांव की एक विवाहिता के साथ गैंगरेप किया और उसका अश्लील एमएसएस बनाकर मोबाइल पर जारी कर दिया।

अभियोजन के अनुसार विवाहिता राखी के दस दिन पहलेे अपने मायके धामनखेड़ा आयी थी वह अपने माता पिता के कुएं पर काम करने गई थी जहां से शाम चार बजे जब वो वापस आ रही थी तभी रास्ते में बोर वाले बीड़ के पास विष्णु खाती मनोहर खाती तथा उसके साथ एक अन्य ने रास्ते में पकड़ लिया और पास के जंगल में ले गए तथा उसे जबरदस्ती शराब पिलाई और फिर तीनों ने बारी बारी से रेप किया उसके बाद धमकी दी कि यदि उसने यह बात बताई तो उसे उसके पिता को जान से खत्म कर देंगे वह बहुत डर गई थी इसलिए यह बात उसने किसी को नहीं बताई। मोबाइल से इसका एमएमएस सब दूर जारी कर दिया गया था।  यह मामला पूरे जिले में चर्चा का केन्द्र बिंदु हुआ था।

नौ माह से जेल में आरोपी

सीहोर। ग्राम धमान्दा का सनसनीखेज एमएमएस कांड के तीनों आरोपी पिछले नौ माह से जेल में है, जिन्हे आज विशेष न्यायाधीश श्री दिलीप कुमार मिश्र ने प्रेत्यक आरोपी को धारा 342 के अंर्तगत तीन माह का कठोर कारावास तथा धारा 376 टूजी के अंर्तगत दस वर्ष के कठोर कारावास और एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है तथा धारा 506  भाग दो के अंर्तगत दो वर्ष के कठोर कारावास तथा धारा 67 क सूचना प्राघोगिकी अधिनियम 2000 सहपठित धारा 34 के अंर्तगत तीन वर्ष के कठोर कारावास और बीस हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है। आरोपियों द्वारा अर्थदंड की राशि यदि जमा नहीं कराई जाती है कि प्रेत्यक आरोपी को धारा 376 टूजी के अंर्तगत तीन माह और धारा 67 क सूचना प्रोधोगिकी अधिनियम 2000 के अंर्तगत एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगी। सभी मामलों में सजा एक साथ चलेगी और अर्थदंड की राशि 60 रुपए पीडि़ता को दिए जाने के आदेश दिए है।


एमएमएस जारी होने के बाद विवाहिता का हुआ तलाक 

सीहोर। पीडि़त विवाहिता का एमएमएस जारी होने के बाद उसके ससुराल वालों को इसकी जानकारी हो गई थी जिस पर विवाहिता के पति द्वारा तलाक हो गया था। इस मामले में विद्वान न्यायाधीश श्री दिलीप कुमार मिश्र द्वारा अपने फैसले में उल्लेखित किया गया है कि अपराधी ने जिस प्रकार से पीडि़ता को शराब पिलाकर बारी बारी से रेप किया गया था मोबाइल से अश्लील फिल्म बनाकर उसका प्रकाशन किया गया उनके साथ उदारता का रुख अपनाना उचित प्रतीत नहीं होगा।

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