रिश्वत लेते रंगे हाथों धर लिए गए खनिज विकास निगम के DGM rajeev lochan

भोपाल। अटैच गाड़ियों के बिल पास कराने के एवज में रिश्वत मांगने वाले खनिज विकास निगम के उप महाप्रबंधक समेत तीन घूसखोर कर्मचारियों को लोकायुक्त ने मंगलवार दोपहर रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

तीनों को पांच हजार, दो हजार और एक हजार रुपए की रिश्वत के साथ रंगे हाथ पकड़ा गया। लोकायुक्त एसपी सिद्घार्थ चौधरी के अनुसार विदिशा निवासी हरिओम रघुवंशी ट्रेवल्स संचालक हैं। उनकी कुछ गाड़ियां खनिज विकास निगम में अटैच थीं, जिनका गत फरवरी तक करीब दो लाख रुपए का भुगतान अटका हुआ था। श्री रघुवंशी लंबे समय से पर्यावास भवन स्थित निगम के कार्यालय के चक्कर काट रहे थे।

बताया गया है कि भुगतान के लिए खनिज विकास निगम के उपमहाप्रबंधक राजीव लोचन शर्मा से संपर्क किया गया तो उन्होंने पांच हजार रुपए की रिश्वत मांगी। जबकि शाखा के लिपिक रामजी प्रसाद चौधरी और लेखा अधिकारी रामप्रकाश सोनी क्रमश: 1 और 2 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे थे। ऐसे में परेशान श्री रघुवंशी ने लोकायुक्त पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई। रिश्वतखोरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए लोकायुक्त डीएसपी आरएस रघुवंशी के नेतृत्व में इंस्पैक्टर अम्बरीश बोहरे, वीके सिंह और सुनील लाट की टीम बनाई गई।

फरियादी से सोमवार को निगम उप महाप्रबंधक सहित तीनों कर्मचारियों को फोन करवाकर रिश्वत के पैसों का भुगतान मंगलवार को किए जाने का भरोसा दिलाया गया। मंगलवार दोपहर 2 बजे लोकायुक्त टीम के सदस्य सादा कपड़ों में पर्यावास भवन पहुंचे। रणनीति के तहत फरियादी श्री रघुवंशी से फोन कराकर उपमहाप्रबंधक राजीव लोचन शर्मा को पर्यावास की पार्किंग में पैसे लेने बुलाया गया। जहां 5 हजार रुपए की रिश्वत हाथ में लेते ही उपमहाप्रबंधक को हिरासत में लेकर पुलिस के वाहन में बैठा लिया गया। 

इसके बाद फरियादी को पर्यावास भवन में भेजा गया, जहां द्वितीय तल की सीढ़ियों पर 2 हजार रुपए की रिश्वत लेते ही उसे भी दबोच लिया गया। तीसरे और आखिरी रिश्वतखोर लिपिक रामप्रसाद चौधरी को निगम के कार्यालय के बाहर 1 हजार रुपए लेते ही हिरासत में ले लिया गया। तीनों ही घूसखोर अधिकारी-कर्मचारियों को पंचनामा और गिरफ्तारी के बाद मुचलके पर रिहा कर दिया गया।

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