संविदा शिक्षक भर्ती: जब प्रशिक्षित शिक्षक नहीं लेना था तो सत्यापन क्यों कराया

भोपाल। संविदा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में 45 प्रतिशत और डीएड प्रशिक्षित 1265 अभ्यर्थियों को चयनित नहीं किए जाने का मामला गर्माने लगा है। अभ्यर्थी पहले मुख्यमंत्री से न्याय की मांग करेंगे और यहां भी न्याय नहीं मिला तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगें।

मण्डला के अनिल चौबे एवं राकेश कौशल 9424712131 ने एक ईमेल के माध्यम से भोपालसमाचार.कॉम को अपनी पीड़ा बयां की है। उन्होंने लिखा है कि 'लगता है कि मध्यप्रदेश सरकार वोट की राजनीति में इतनी मशगूल है कि 45 प्रतिशत और डी0 एड0 प्रशिक्षित 1265 अभ्यर्थियों को चयन सूची में स्थान नहीं मिला। सोचने वाली बात यह है कि यदि उन्हें शिक्षक नहीं बनाना था तो परीक्षा फार्म निरस्त क्यों नहीं हुए? परीक्षा के बाद सत्यापन भी कराया गया।

लगता है कि विभाग को मनमानी कर अभ्यर्थियों के रूपये बर्बाद करने थे। जो लोग इतने पढ़े लिखे लोगों के साथ नियम के बहाने अन्याय कर रहे हैं वो आम आदमी के साथ क्या करेंगे इसकी कल्पना अति सरल है। हम 1265 अभ्यर्थी भोपाल समाचार के माध्यम से प्रार्थना करते हैं कि हमें न्याय दिलाने में मदद करें।

कुल मिलाकर आक्रोश पनप रहा है और वो तेज होता जा रहा है। देखते हैं इस मामले में मध्यप्रदेश शासन स्तर पर कोई निर्णय हो पाता है या नहीं।
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