राकेश दुबे@प्रतिदिन। मीडिया कुछ कहे, संगी साथी कुछ कहे, सहयोगी मंत्री कुछ कहे, स्वतंत्र चिंतक कुछ कहें, और प्रतिपक्ष भी लगभग वही कहे तो मान लेना चाहिए| कहीं कुछ गडबड है| चलिए गडबडी मत मानिये यह तो मान ही लीजिये कि चुनौतियाँ है और लगभग वहीं खड़ीं है, जहाँ से आपने चलना शुरू किया था, फिर आप कैसे अपने कद को किसी ओर के मुकाबले ऊँचा मान सकते है| शायद जब लोग जबरन बराबर का बताने लगे तो आत्ममुग्ध होने की बजाय आत्मविश्लेषण जरूरी होता है और यह वेला आ पहुंची है|
आज भोपाल में लोग हंस रहे है| बड़े- बड़े विज्ञापन देख कर| आज से भोपाल जिले 24 घंटे बिजली मिलेगी| भैया, भोपाल जिला है ही कितना बड़ा कुल दो भाग भोपाल और बैरसिया| भोपाल में तो आज जितनी बिजली हमेशा मिलती है और बेरसिया में उतनी ही मिलना है, जितनी पहले मिलती रही है, क्योंकि वहां कुछ नया नहीं हुआ| मुख्मंत्री जी आप वास्तव में “शिव” है और “राज” तो अफसर कर रहे है| और उनकी जुगलबंदी उन लोगों के साथ है जो आपके नाम का इस्तेमाल आप से ज्यादा करते हैं|
पता नहीं क्यों लोग आपकी तुलना नरेंद्र मोदी से करते है| नरेंद्र मोदी ने धारा को मोड़ा है और नया निर्माण किया है और आपको तो यह राजपाट विरासत में मिला है| आपके वरिष्ठ और आपसे वरिष्ठ मंत्री बाबूलाल गौर ने आज मीडिया की गिनती को ठीक किया| आप भी कुछ ठीक कीजिये| बलात्कार के मामले प्रदेश में सम्पूर्ण देश से ज्यादा है| कई विकास के संकेतक प्रदेश को मुंह चिढाते हैं| हाँ !कुछ मामलों में आपकी गिनती है, पर उसमें गहरे जाने पर आप डूबते नजर आते है| फिर भी अभी कुछ नहीं बिगड़ा है, बहुत संवेदनशील है प्रदेश के नागरिक, आपके सामने राजनैतिक चुनौती भी कड़ी नहीं है| बस “किचन केबिनेट” की जगह “केबिनेट” को विश्वास में लें| इस प्रदेश में अति आत्मविश्वास “राजाओं” को डुबो चुका है,फिर आप तो “शिव” है|
- लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रख्यात स्तंभकार हैं। संपर्क 9425022703