अजय सिंह। भाजपा सरकार के मंत्री ‘मंत्री‘ पद को शायद भोग की वस्तु मानते है, इसलिए वे उसे लात मारने की बात कह रहे हैं, जबकि लोकतंत्र में ‘मंत्री‘ पद सेवा का पद है जो जनता के हित के लिए होता है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरे देश में साढ़े सात करोड़ जनता को भगवान, प्रदेश को मंदिर और अपने को पुजारी कहते हैं लेकिन उन्होंने यह संस्कार अपने मंत्रियों को नहीं दिए, क्योंकि वे खुद भी ढोंग करके मुख्यमंत्री पद को भोग रहे है।
सेवा और विकास की बात सब झूठी साबित हुई है। विजय शाह का मंत्री पद को लात मारने का लोकतंत्र का न केवल अपमान बल्कि यह पूरी भाजपा की मानसिकता को बतलाता है। मुख्यमंत्री सहित उनके मंत्री इस सरकार में लाल बत्ती, बंगला, वेतन, भ्रष्टाचार के साथ अय्याशी का जीवन बिता रहे हैं जनता की सेवा से उन्हें कोई लेना देना नहीं है।
सत्ता के दसवें साल में शिवराज सिंह चौहान की सरकार उनके मंत्री और भाजपाध्यक्ष सहित उनके सभी नेता इतने मदहोश हो गए है कि लोकतंत्र, स्वस्थ्य, राजनीतिक परंपराओं सहित सभी मानदंडों को ध्वस्त कर बेकाबू हो गए हैं।
- लेखक श्री अजय सिंह मध्यप्रदेश की विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं।