गंभीर राजनैतिक मुद्दों से दूर हो रहे कांग्रेस नेता

कैलाश जोशी। पिछले 20 वर्षों में कांग्रेस पार्टी मध्यप्रदेश में नैतिक व राजनैतिक रूप से बेहद कमजोर हुई है। मध्यप्रदेश कांग्रेस में जहां एक ओर पं.श्यामाचरण शुक्ल, पंडित डी.पी. मिश्रा एवं अर्जुन सिंह जैसे नेताओं का नैतिक और राजनैतिक कद देखा है, वहीं दूसरी ओर आज दिग्विजय सिंह, अजय सिंह एवं कांतिलाल भूरिया को देख रहे है, जिनका न कोई नैतिक और न ही गंभीर राजनैतिक बल दिखाई देता है।

मध्यप्रदेश में जहां एक ओर भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने और विशेष रूप से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीमारू मध्यप्रदेश को विकासशील बनाकर देश की पहली पंक्ति में लाने का कार्य किया है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नेतागण अपनी गंभीर राजनैतिक उपस्थिति और जनता से जुड़े विषयों से दूर होते जा रहे है।

चुनाव की इस बेला में जो कि लोकतंत्र का सबसे पवित्र पर्व होता है तथा जिसके माध्यम से सरकार में बैठा दल अपनी उपलब्धियों को और अपने विकास के प्रयासों को लेकर जनता के बीच जाता है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल से अपेक्षा होती है कि वे जनता से जुड़े ऐसे विषय जिन पर सरकार को और काम करना है के बारे में बातचीत करते है।

परन्तु कांग्रेस अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष को उनकी परिवर्तन यात्रा के दौरान जनता से समर्थन न मिलने की वजह से  अपरिपक्व व कुतर्की बयानबाजी कर अपनी राजनैतिक साख खो रहे है, जो दुखद है।

मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में हुए विकासोन्मुखी कार्यो के कारण जनता को राहत मिली है, जिससे कांग्रेसी नेतागण जनता के हित के विषयों से ध्यान भटकाकर अप्रासंगिक, बेतुके व अगंभीर विषयों को केवल बयानों के माध्यम से प्रचारित कर सुर्खियां बटोरने का कार्य कर रहे है।

  • लेखक श्री कैलाश जोशी मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं।

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