संयुक्त अध्यापक मोर्चे संस्थापक संरक्षक मनोज मराठे ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि मप्र प्रशासन नगरी प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय भोपाल दि 20/2/13 के आदेश क्र एफ-4/23/2013 18-1 के अनुसार प्रदेश के समस्त अध्यापक संवर्ग को संशोधित वेतनमान दिये जाने का आदेश प्रसारित हुआ है जिसके चलते अल्पवेतन की मार झेल रहे अध्यापको को कुछ राहत मिलेगी।
श्री मराठे ने आगे बताया कि उक्त आदेश के तहत प्रदेश में प्रत्येक वरिष्ठ अध्यापक को मिनीमम 17200 रू तो अधिकतम 21603 रूपये वेतन मिलेगा। अध्यापक को उक्त आदेश के तहत 13984 अधिकतम 17131 वेतन मिलेगा। तो इसी तरह सहायक अध्यापक को 10509 व अधिकतम 13020 वेतन मिलेगा किन्तु अनेक वेतन आहरण केन्द्रो पर नया संशोधित वेतनमान आने की अफवाह को लेकर अप्रैल माह में इस आदेश के बजाय पुराने वेतन के आधार पर बिल बनाने की जानकारी मिल रही है।
जिस शासन के आदेश की अवहेलना के साथ अध्यापको के साथ भेदभाव है। जब शासन ने आदेश जारी ही कर दिये है तो इसी के तहत संशोधित वेतनमान न्यायसंगत है। श्री मराठे ने कहा कि नियमानुसार अन्य संशोधित आदेश आयेगा वह तब से लागू होगा। किन्तु वर्तमान में 20 फरवरी 2013 के अनुसार ही अध्यापको को अप्रैल माह से वेतन दिया जाना है।
यदि प्रदेश में कहीं भी किसी वेतन आहरण केन्द्र पर इस आदेश के तहत वेतन संशोधित नहीं होता है तो संयुक्त मोर्चे के उस क्षेत्र के जिलाध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों से श्री मराठे से विरोध करने की मांग की है। श्री मराठे सहित सतीश मौर्यवंशी, मनीष तिवारी, विटठल चैधरी, जितेन्द्र बाविस्कर, मुश्ताक खान, वाडिले सर, आदि ने प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान व प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों से शीघ्र ही नये और संशोधित वेतनमान देने की आशा की है। तब तक इस आदेश के तहत अप्रैल माह से संशोधित वेतनमान दिया जाना उचित है। संलग्न आदेश की छायाप्रति।
मनोज मराठे
9826699484