उत्तरप्रदेश के जौरपुर जिले के सिकरारा अंतर्गत ताहिरपुर गांव के शारदानगर में स्थित मां शारदा मंदिर भक्तों के लिए अगाध आस्था व विश्वास का स्थल बन गया है। अपने चमत्कारिक कारणों के चलते ही इस मंदिर पर दूर-दराज से लोग आकर मत्था टेकते हैं। ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई मुरादें अवश्य पूरी होती हैं। मांगे पूरी होने पर भक्त यहां कड़ाही चढ़ाते हैं।
मंदिर के प्रधान पुजारी त्रिभुवन नाथ तिवारी ने बताया कि 11 वर्ष पहले उनके परिवार पर ऐसी विपत्ति पड़ी कि सब कुछ समाप्त हो गया। ब्राह्माणों के कहने पर देवी धाम दर्शन के दौरान मध्य प्रदेश स्थित मैहर मां मंदिर दर्शन कर जब वे बाहर आए तो एक वृद्ध महिला ने कहा कि मां को अपने गांव ले जाओ, सब कष्ट दूर हो जाएगा।
घर पहुंचने पर रात स्वप्न में मां ने दर्शन दिया तो उन्होंने परिवार के अन्य सदस्य शम्भूनाथ तिवारी, अमरनाथ तिवारी, शारदा प्रसाद तिवारी व तीर्थराज तिवारी के साथ-साथ क्षेत्रवासियों के सहयोग से वर्ष 2002 के अपै्रल माह के चैत्र नवरात्र के पंचमी के दिन विंध्याचल, वाराणसी व अन्य जिले के विद्वान ब्राह्माणों द्वारा वाराणसी से मूर्ति लाकर माताजी को स्थापित कराया।
क्षेत्रवासियों के सहयोग से यहां भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया। यहां भक्तों को ठहरने की भी सुविधा है। वैसे तो यहां हर दिन भक्त पूजन-अर्चन के लिए आते हैं लेकिन नवरात्र में भक्तों की भीड़ लग जाती है।