फिर पकड़ी गई पेट्रोल चोरी करने वाली चिप

सागर(बीना)। पेट्रोल पंपों में चोरी करने वाली चिप एक बार फिर पकड़ी गई है। सनद रहे कि पिछले दिनों हुए खुलासे में बताया गया था कि पूरे देश भर में इस शातिर चिप की सप्लाई की गई है और यह अभी भी कई पेट्रोल पंपों में लगी हुई है।

कुछ समय पहले चौंकाने वाला एक मामला सामने आया था जिसमें पेट्रोलपंप से ऐसी चिप बरामद की गई थी जो उपभोक्ताओं को 6 रुपए प्रति लीटर की चपत लगा रही थी। पेट्रोलपंप पर धांधली करने वाली इस चिप को इंजीनियर अंकुर वर्मा ने बनाया था। पुलिस की पूछताछ के दौरान सामने आया था कि यह चिप देश के अलग-अलग राज्यों में बड़े पैमाने पर बेची गई थी। एक महीना भी नहीं हुआ और इसी तरह का मामला एक बार फिर सामने आया है।

सागर(बीना) के पास खुरई खुरई रोड स्थित इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के पेट्रोल पंप की एक मशीन पर विभागीय अधिकारियों को रुटीन जांच के दौरान एक संदिग्ध पार्ट मिला है। चिप टाइम में उपयोग होने वाले इस पार्ट को इंडियन ऑयल के सेल्स ऑफिसर आनंद सिंह ने जब्त करते हुए पेट्रोल पंप संचालक नरेंद्र साहनी को नोटिस जारी किया है। इधर एक उपभोक्ता ने भी पेट्रोल पंप संचालक द्वारा उपभोक्ताओं को ठगे जाने की शिकायत पेट्रोलियम मंत्रालय से की है। जिस पर मंत्रालय ने ज्वाइंट सेक्रेटरी पी कल्याण सुंदरम को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।

पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा हर पंद्रह दिनों में पेट्रोल पंपों द्वारा दिए जाने वाले ईंधनों की जांच की जाती है। रुटीन जांच के तहत इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के सेल्स ऑफिसर आनंद सिंह ने खुरई रोड स्थित डॉ. श्रीराम साहनी एंड संस द्वारा संचालित पेट्रोल पंप की जांच की। श्री सिंह ने पेट्रोल एवं डीजल के सैंपल लिए। इस दौरान पेट्रोल मशीन में एक चिप टाइप की संदिग्ध वस्तु उन्हें दिखी। उन्होंने तत्काल उस वस्तु को जब्त करते हुए जांच में ले लिया। सेल्स ऑफिसर ने बताया कि मशीन में उस पार्ट का कोई उपयोग नहीं था। फिर भी मशीन में वह पार्ट था।

इसलिए उसे जांच के लिए जबलपुर भेजा गया है। इस संबंध में पेट्रोल पंप संचालक सुरेंद्र साहनी का कहना था कि उन्हें इस तरह से पार्ट मिलने की कोई खबर नहीं है। अधिकारी रुटीन जांच के लिए आए थे और चले गए। नोटिस मिलने की बात से भी उन्होंने इनकार किया है।


जानिए कैसे होती है चोरी...

चिप पेट्रोल पंप मशीन के अंदर फिट और रिमोट से नियंत्रित होती है। सेल्समैन इसे बटन से नियंत्रित करता है। तेल डालते समय बटन दबाने से तेल कम गिरने लगाता है। इससे मीटर तो चलता है, लेकिन वास्तव में उपभोक्ता को तब तक चूना लग चुका होता है। इसे कोई पकड़ भी नहीं सकता, क्योंकि जैसे ही आप चेक करने चलेंगे, उसे रिमोट से सही कर दिया जाएगा और तेल सही मात्रा में गिरेगा।

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