भोपाल। पुलिस के किसी भी सिपाही के लिए वो दिन सबसे महत्वपूर्ण होता है जब ट्रेनिंग के बाद उसकी पीओपी होती है। यह अकेला दिन है जब सिपाही अपनी वर्दी को कई बार देखता है कहीं कोई कमी तो नहीं। ऐसे में यदि उसे कोई बोर कर डाले, हालात यह बने कि नींद तक आ जाए तो क्या कहेंगे आप।
ऐसे ही हालात बने आज मोतीलाल नेहरू स्टेडियम, लाल परेड मैदान में जहां 2704 नवआरक्षकों का सम्मेलन आयोजित किया गया। अपने प्रिय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह निश्चित रूप से मंत्रमुग्ध कर देने वाला भाषण देते हैं। हर वर्ग को प्रिय लगता है परंतु 18—18 घंटे की कड़ी ट्रेनिंग के बाद शायद वो कोई भाषण सुनने के लिए तैयार नहीं थे।
पूरे आयोजन के दौरान जब नवआरक्षक आए तो सीना फुलाए हुए थे परंतु जब सम्मेलन में बैठे तो नींद के झोंके आने लगे। कई बार पड़ोसी आरक्षक ने संभाला। आंख खोली, लेकिन थकान और बोरियत से फिर बंद हो गई।
सनद रहे कि इस सम्मेलन का आयोजन मध्यप्रदेश में पहली बार किया गया है। कार्यक्रम में गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता, मुख्य सचिव आर परशुराम और अपर मुख्य सचिव आईएस दाणी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सम्मेलन में उपस्थित सभी 2704 नव आरक्षकों से हाथ मिलाकर उन्हें शुभकामनाएं दी। इन नव आरक्षकों ने नौ माह का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। अब इनकी पदस्थापना आदेश जारी किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने नव आरक्षकों से कहा कि वे जनता की सुरक्षा के लिए पूरी कर्तव्यनिष्ठा से काम करें। आम जनता के लिए उनका व्यवहार कोमल तथा अपराधियों के लिए कठोर रहे। ऐसे आरक्षक बनें जो निष्पक्ष हो, उत्साह से भरे, धैर्यवान और विनम्र हों।
मुख्यमंत्री ने नव आरक्षकों से कहा कि राज्य सरकार उनकी हर समस्याओं का निराकरण करेगी। महिला अपराधों के मामलों में पूरी संवेदनशीलता से कार्रवाई करें। नव आरक्षकों का कार्य लोगों के जीवन को बेहतर बनाने का मिशन है।
गृहमंत्री श्री गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में आरक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी बनाई गई है, प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है। पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना को मंजूरी दी गई है। उन्होंने नव आरक्षकों से कहा कि जनता में विश्वास पैदा करें कि वे उनकी सेवा के लिए हैं।
पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे ने कहा कि इस तरह का सम्मेलन पहली बार आयोजित किया गया है। राज्य सरकार पुलिसकर्मियों के कल्याण के लिए कई कार्यक्रम चला रही है। एडीजी प्रशिक्षण राजेन्द्र कुमार ने बताया कि यहां इस कार्यक्रम में छह पुलिस ट्रेनिंग स्कूलों के 2704 नवआरक्षक शामिल हुए हैं।