सरपंच ने बिल्डर्स के हाथों बेच दिया पूरा गांव, पुलिस ने बयान दर्ज नहीं किए

भोपाल। राजधानी में बिल्डर्स की अवैध गतिविधियां और प्रशासन की अनदेखी लगातार जारी है। ताजा मामला ग्राम पंचायत इस्लामनगर का है। सरपंच ने कायदे कानून रखे जेब में और बिल्डर्स को अवैध परमिशन जारी कर दीं। खुलासा होने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है।

यह मामला 2 फरवरी को कलेक्टर निंकुज श्रीवास्तव के सामने प्रकाश में आया था। कलेक्टर ने तत्काल पुलिस को कार्रवाई के लिए आदेशित किया, परंतु इस मामले में पुलिस ठीक वैसे ही कार्रवाई कर रही है जैसे मंत्रालय का मुनीम।

कार्रवाई में समय खर्च करने के लिए पुलिस ने नोटिस देकर गांववालों को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया। गांववाले एकजुट होकर पहुंचे तो पुलिस ने पंच ओमवती बाई, नाथूराम, पूर्व पंच खुशीलाल धानुक, जगदीश, प्रेमनारायण, सेवाराम और संतोष के ही बयान दर्ज किए। इनके साथ पहुंचे कालूराम, कामता प्रसाद, शैतानबाई, राजोबाई, मुन्नीबाई, पुनिया बाई और लखन आदि 14 ग्रामीणों को बिना बयान के लौटा दिया।

कुल मिलाकर पुलिस ने संकेत दे दिया है कि वो बिल्डर्स के खिलाफ सबूत जुटाने या कार्रवाई करने के मूड में नहीं है। कलेक्टर का आदेश आया है, इसलिए कुछ कागज काले किए जा रहे हैं, बाद में फाइल नस्तीबद्ध कर दी जाएगी।

इधर सरपंच नारायण दास बैरागी और उप सरपंच रमाकांत मालवीय के खिलाफ पद के दुरुपयोग के चलते पद से हटाने के मामले की सुनवाई 8 अप्रैल को एसडीएम कोर्ट में होनी है। गौरतलब होगा कि, बीती पेशी 18 मार्च को इस मामले की सुनवाई के दौरान सरपंच नारायणदास बैरागी और उप सरपंच रमाकांत मालवीय की ओर से जवाबदेही के लिए समय मांगने पर 8 अप्रैल तक का मौका मिला है।

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