भोपाल। पश्चिम बंगाल में चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी कई काले कारोबारियों के मीडिया हाउस संचालित हो रहे हैं। हजारों मीडियाकर्मी उनमें सेवाएं दे रहे हैं और उनका हश्र भी वैसा ही हो सकता है जैसा शारदा ग्रुप के मीडिया संस्थानों का हुआ।
पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने अचानक अपना पूरा कारोबार समेट लिया और अपने सभी मीडिया संस्थानों को बंद करने की घोषणा कर डाली। इस घोषणा के साथ ही उन संस्थानों में काम कर रहे 1300 मीडियाकर्मी बेरोजगार हो गए। उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था तक का समय नहीं मिला।
मीडियाकर्मियों के लिए यह कल्पना भी रूह कंपा देने वाली है और कमोवेश मध्यप्रदेश में भी हालात कुछ ऐसे ही हैं। भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर एवं जबलपुर से प्रकाशित होने वाले कई नामचीन अखबार ऐसे हैं जिनके मालिक किसी न किसी काले कारोबार में संलिप्त हैं और अपनी काली कमाई को छिपाए रखने व सरकारी हंटर से बचाए रखने के लिए अखबार छाप रहे हैं। कुछ न्यूज चैनल भी ऐसे ही कारोबारियों के चल रहे हैं और कुछ नए आने वाले हैं।
मुद्दे जिस दिन इन काले कारोबारियों के कारोबार पर सरकारी हमला होगा, उस दिन मीडिया हाउस अपने आप बंद हो जाएंगे (ग्वालियर में ऐसा हो भी चुका है) और फिर मचेगा त्राहिमाम, त्राहिमाम।