संपादक, महोदय अभी तक उक्त आदेश नहीं डला है बल्कि कल रात पुराने तरीके से आबंटन का आदेश पत्र अपलोड किया गया है। शून्य बजट किसी भी हालत में लागू नहीं हो सकता यह केवल शासकीय कर्मचारी के लिये होता हैं।
हाँ अलग हेड बनाकर उसमें एक मुश्त राशि डालकर पूरे प्रदेश को उससे आहरण का प्रावधान किया जा सकता है। वास्तविकता यह है कि अध्यापकों के सम्बंध में होता कुछ नहीं अफवाहें पिछले 4 माह से फैल रही हैं। हर अध्यापक को सरकार की प्रकिया का पता है पर खबरें और खंडन के अलावा कुछ नहीं हो रहा है।
अध्यापकों को सपनों से बाहर निकलकर यथार्थ में एक जुटता से संघर्स करना चाहिये आपसी फूट और नेतागिरी से कुछ नहीं होगा। एकता के अभाव में ही भारतीयों को 200 साल गुलामी में रहना पड़ा था। नेता तब भी थे। अभी 17 साल हुए हैं यही हाल रहा तो 17 साल और लगेंगे। यह बात कड़वी किन्तु सत्य है। किसी को बुरा लगे तो क्षमाप्रार्थी हूं पर सत्य यही है।
सतीश शुक्ला
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